चंडीगढ़। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य के प्रमुख बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से पंजाब में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और कई हिस्सों में ‘हाई अलर्ट’ जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में सुबह सात बजे सतलुज नदी पर बने कोल बांध से पानी छोड़ा गया। अधिकारियों ने पंजाब के निवासियों खासकर नदी किनारे रहने वालों से सतर्क रहने की अपील की है क्योंकि वहां जलस्तर चार से पांच मीटर तक बढ़ने की आशंका है। इसके एक घंटे बाद ब्यास नदी पर बने पंडोह बांध से भी पानी छोड़ा गया। यह पानी मंडी, धर्मपुर, संधोल, सुजानपुर, नादौन तथा देहरा से होते हुए पोंग बांध में जाएगा और पंजाब में प्रवेश करेगा। इस बीच मानसूनी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में स्थिति गंभीर बनी हुई है। मौसम विभाग ने चार जिलों चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है क्योंकि इन क्षेत्रों में भारी बारिश जारी है।
कुल्लू में सैंज-ओट राष्ट्रीय राजमार्ग पर अनी के पास देर रात हुए भूस्खलन से तीन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए जिनमें से एक पूरी तरह से नष्ट हो गया। कुल्लू-मंडी सीमा पर स्थित पराशर पर्वत श्रृंखला में भी बाढ़ आने की खबर है। इससे आसपास के निवासियों को अपने घर खाली करने पड़े। हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है फिर भी सभी अधिकारी ‘हाई अलर्ट’ पर हैं। मंडी की टिक्कैन उप-तहसील में सभी स्कूल आज के लिए बंद कर दिए गए हैं। भूस्खलन के कारण कल रात चार मील के पास अवरूद्ध चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग आज सुबह 08:30 बजे तक यातायात के लिए फिर से खोल दिया गया। बारिश के कारण राज्य भर में 357 सड़कें बंद हैं और 700 से ज़्यादा बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं तथा 179 पेयजल योजनाएं बाधित हैं। इनमें मंडी जिला सबसे ज़्यादा प्रभावित है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह हाल ही में बादल फटने से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए मंडी का दौरा करेंगे। मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के आज शाम तक सक्रिय रहने की संभावना है जिससे राज्य में और ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। गुरुवार से हालांकि मानसून थोड़ा कमज़ोर पड़ सकता है लेकिन अगले तीन दिनों तक कई इलाकों में बारिश जारी रहने की उम्मीद है।