शिमला। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के साथ हुई महत्त्वपूर्ण बैठक के पश्चात लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संघर्षरत हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) चालक यूनियन ने मंगलवार देर शाम को अपना आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की। यह बैठक उप-मुख्यमंत्री के आवास पर आयोजित की गई, जिसमें दो घंटे तक व्यापक चर्चा के बाद यूनियन की प्रमुख मांगों पर सहमति बनी। बैठक में लंबित मांगों को विस्तार से प्रस्तुत करते हुए यूनियन प्रतिनिधियों ने सरकार से शीघ्र समाधान की मांग की। उप-मुख्यमंत्री ने इस पर गंभीरता से विचार करते हुए त्वरित निर्णय लिए जिससे आश्वस्त होकर युनियन ने यह निर्णय लिया।
प्रदेश सरकार द्वारा यूनियन की प्रमुख मांगों पर लिए गए निर्णयों में, एचआरटीसी के वरिष्ठतम चालकों में से 205 चालकों को बिना किसी वित्तीय लाभ के ‘नामित वरिष्ठ चालक’ का दर्जा प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही, पिछले छह माह से लंबित चिकित्सा प्रतिपूर्ति की राशि शीघ्र जारी करने का निर्णय लिया गया है। स्टाफ को दो यूनिफार्म सेट देने पर भी सहमति बनी। इसके अतिरिक्त, दो लंबित रात्रिकालीन ओवरटाइम भत्तों (नाइट ओवरटाइम अलाउंस) में से एक को जुलाई माह के वेतन के साथ तथा एक को अगस्त माह के वेतन के साथ जारी करने पर सहमति बनी।
पेंशनरों के हित में भी प्रदेश सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए एचआरटीसी को 150 करोड़ रुपए का ऋण लेने की स्वीकृति दी है, जो राज्य सरकार की गारंटी पर सरकारी बैंक से लिया जाएगा। इस ऋण पर ब्याज का भुगतान हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा। यह प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल की स्वीकृति के उपरांत प्रभावी होगा। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों के हितों के प्रति संवेदनशील है तथा उनके न्यायोचित हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी कर्मचारियों की समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।