रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में बुधवार को एक बेहद शक्तिशाली भूकंप ने हलचल मचा दी। कमचटका प्रायद्वीप के पास समुद्र में आए 8.8 तीव्रता के इस जबरदस्त भूकंप ने सिर्फ रूस ही नहीं, बल्कि पूरे प्रशांत महासागर क्षेत्र को अलर्ट पर डाल दिया। भूकंप के बाद उठी विशाल सुनामी की लहरें रूस के सेवेरो-कुरील्स्क शहर तक पहुंच गईं और वहां काफी नुकसान हुआ।
सुनामी की चपेट में आया सेवेरो-कुरील्स्क, लोग बाल-बाल बचे
रूसी विज्ञान अकादमी के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग द्वारा जारी की गई ड्रोन फुटेज में देखा गया कि सुनामी की ऊंची लहरों ने सेवेरो-कुरील्स्क के बंदरगाह क्षेत्र को जलमग्न कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में साफ दिख रहा है कि इमारतें पानी में डूबी हुई हैं और कई इलाकों में भारी तबाही हुई है। करीब 2,000 की आबादी वाले इस शहर से लोगों को समय रहते सुरक्षित निकाला गया। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, कुछ लोग घायल हुए हैं, लेकिन किसी की स्थिति गंभीर नहीं है।
प्रशासन ने दी चेतावनी: समुद्र से दूर रहें....
कमचटका क्षेत्र के गवर्नर व्लादिमीर सोलोडोव ने टेलीग्राम के जरिए लोगों से अपील की कि वे समुद्र के किनारे न जाएं। उन्होंने कहा, "सुनामी की चेतावनी जारी की जा चुकी है। लहरों की शक्ति का आकलन किया जा रहा है। कृपया तटीय इलाकों से दूर रहें और सरकारी घोषणाओं का पालन करें।"
लोगों ने डरावनी रात का किया सामना
स्थानीय लोगों ने राज्य मीडिया से बातचीत में बताया कि भूकंप के समय दीवारें हिल रही थीं और लोगों में घबराहट फैल गई। एक निवासी ने बताया कि हम पहले से तैयार थे। एक बैग में पानी और कपड़े रखे हुए थे। जैसे ही झटका आया, हम उसे उठाकर बाहर भागे। बहुत डरावना अनुभव था।
प्रशांत क्षेत्र में व्यापक असर, कई देश सतर्क
भूकंप के बाद उठी चार मीटर तक ऊंची लहरें (करीब 12 फीट) प्रशांत महासागर के कई हिस्सों में फैल गईं। इससे जापान, चीन, अमेरिका और न्यूजीलैंड तक चेतावनी जारी की गई और कई तटीय क्षेत्रों में एहतियातन लोगों को हटाया गया।
1952 के बाद सबसे ताकतवर भूकंप
रूसी भूकंपीय एजेंसियों के अनुसार, यह भूकंप कमचटका क्षेत्र में 1952 के बाद का सबसे शक्तिशाली भूकंप रहा। उस साल भी इसी क्षेत्र में 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने पूरी प्रशांत रेखा में तबाही मचाई थी।
झटकों का सिलसिला जारी
मुख्य भूकंप के बाद अब तक छह से ज्यादा झटके दर्ज किए गए हैं। इनमें से एक की तीव्रता 6.9, जबकि दूसरे की 6.3 रही। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि 7.5 तीव्रता तक के आफ्टरशॉक्स आने की संभावना बनी हुई है।