नई दिल्ली; 19 साल की दिव्या देशमुख ने चेस का फिडे महिला वल्र्ड कप जीत लिया है। उन्होंने फाइनल में भारत की ही कोनेरू हम्पी को टाईब्रेक राउंड में हराकर खिताब जीता। वल्र्ड चैंपियन बनने के साथ वह भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बन गईं। टूर्नामेंट में दिव्या ने कई टॉप रैंक प्लेयर्स को हराया और फाइनल में जगह बनाई। हंपी के खिलाफ फाइनल में दिव्या ने दोनों प्रमुख मुकाबले ड्रॉ खेले।
इसके बाद सोमवार को टाईब्रेक राउंड हुआ, जिसमें दिव्या ने 2.5-1.5 के स्कोर से बाजी मारी। मैच के बाद हंपी ने कहा कि 12वीं चाल के बाद उन्हें समझ नहीं आया कि अब क्या करना है। हालांकि, 54वीं चाल में दिव्या ने जरूरी बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद हंपी ने रिजाइन कर दिया और दिव्या को जीत मिली। वल्र्ड चैंपियन बनने के बाद दिव्या देशमुख ने मां को गले लगाया। मां से मिलते ही वह इमोशनल हो गईं और उनकी आंखों से आंसू छलक आए।
मिलेंगे 42 लाख रुपए
फिडे वूमन्स वल्र्ड कप जीतने पर दिव्या को लगभग 42 लाख मिलेंगे।
पांच साल की उम्र से खेलना शुरू की शतरंज
नौ दिसंबर, 2005 को नागपुर में जन्मीं दिव्या ने पांच साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। दिव्या ने 2012 में सात साल की उम्र में अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीती। उन्होंने अंडर-10 (डरबन, 2014) और अंडर-12 (ब्राजील, 2017) कैटेगरी में विश्व युवा खिताब भी जीते। 2014 में डरबन में अंडर-10 वल्र्ड यूथ टाइटल और 2017 में ब्राजील में अंडर-12 कैटेगरी में भी खिताब अपने नाम किए।