पंचकूला/ चंडीगढ़: राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, पंचकूला ने भ्रष्टाचार के एक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए साइबर क्राइम थाना, मनसा देवी कॉम्प्लेक्स, जिला पंचकूला में तैनात सिपाही प्रदीप कुमार (5597/गुरुग्राम) को गिरफ्तार किया है। आरोपी को जांच के दौरान उसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर कल 12 जुलाई को गिरफ्तार किया गया। आज आरोपी को पंचकूला की अदालत में पेश किया जाएगा।
क्या है मामला?
शिकायतकर्ता, जो कि सैनिटरी ट्रेडिंग का निजी कार्य करता है, ने बताया कि उसने फरवरी 2024 में Muthoot Finance से गोल्ड लोन लिया था। बाद में उसने Cash Your Gold कंपनी, सेक्टर-20, पंचकूला के माध्यम से सोना बेचकर लोन चुकता करने की योजना बनाई। कंपनी ने 12 जून 2024 को शिकायतकर्ता के खाते में ₹5,65,000 आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर किए, बदले में शिकायतकर्ता को वह सोना कंपनी को लौटाना था।
लेकिन विवाद के चलते कंपनी ने शिकायत साइबर थाना, गुरुग्राम में दर्ज करवा दी। इसके बाद गुरुग्राम पुलिस द्वारा शिकायतकर्ता और उसके जानकारों के बैंक खाते फ्रीज करवा दिए गए। फिर यह मामला साइबर थाना, मनसा देवी कॉम्प्लेक्स, पंचकूला को ट्रांसफर किया गया।
रिश्वत की मांग और रंगे हाथों गिरफ्तारी
जांच अधिकारी एएसआई जसबीर सिंह ने शिकायतकर्ता का बैंक खाता फिर से चालू करवाया, लेकिन इसके बदले में ₹2,50,000 की रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता से ₹1,15,000 नकद लेते हुए आरोपी एएसआई को रंगे हाथों पकड़ा गया। इस मामले में 8 जुलाई 2025 को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया।
तफ्तीश में यह भी सामने आया कि सिपाही प्रदीप कुमार ने एएसआई जसबीर सिंह के साथ मिलकर शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग की और उस पर दबाव बनाया। जांच के बाद प्रदीप कुमार को भी आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।
ब्यूरो ने दो टूक कहा – भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
राज्य सतर्कता ब्यूरो के अधिकारियों ने साफ किया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी पुलिसकर्मी या सरकारी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। मामले की आगे की जांच जारी है।