विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज रविवार को सिंगापुर दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने अपने समकक्ष विदेश मंत्री विवियन बाला से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सिंगापुर हमारी ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के केंद्र में है। यहां विचारों का आदान-प्रदान हमेशा उपयोगी होता है। आज सुबह सिंगापुर में विदेश मंत्री विवियन बाला से मिलना शानदार रहा।”
अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ने टेमासेक होल्डिंग्स के चेयरमैन-डिजिग्नेट (अध्यक्ष नामित) टियो ची हीन (Teo Chee Hean) से भी मुलाकात की। उन्होंने भारत में हो रहे परिवर्तन और निवेश के अवसरों पर विस्तार से चर्चा की। जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “आज टेमासेक होल्डिंग्स के चेयरमैन-डिज़िग्नेट टियो ची हीन से मिलकर खुशी हुई। भारत में हो रहे परिवर्तन और निवेश के अवसरों पर चर्चा की।”
गौरतलब है कि यह दौरा भारत और सिंगापुर के बीच नियमित उच्चस्तरीय संवादों की श्रृंखला का हिस्सा है। विदेश मंत्रालय (MEA) के मुताबिक इस यात्रा के बाद जयशंकर चीन भी जाएंगे, जहां वे तिआनजिन (Tianjin) में हो रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वे अन्य देशों के नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकातें भी करेंगे। इससे पहले, 2 जुलाई को विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) पी. कुमारन ने सिंगापुर के विदेश मामलों के विकास सचिव ल्यूक गोह (Luke Goh) से नई दिल्ली में मुलाकात की थी। इस बैठक में दोनों देशों के बीच जारी द्विपक्षीय सहयोग और प्राथमिक क्षेत्रों में साझेदारी की समीक्षा की गई थी।
साल 2025 भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। इस विशेष अवसर को चिह्नित करने के लिए 16 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम ने नई दिल्ली में एक संयुक्त लोगो (Logo) जारी किया था। यह लोगो भारत और सिंगापुर के राष्ट्रीय ध्वजों के रंग, भारत का राष्ट्रीय पुष्प कमल और सिंगापुर का राष्ट्रीय पुष्प ऑर्किड तथा “60” का प्रतीक शामिल करता है। यह प्रतीक 60 वर्षों की दोस्ती, विश्वास और साझे मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है