प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को पंजाब और हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की, जो कि "डंकी रूट" मानव तस्करी रैकेट से जुड़ी हुई है। इस रैकेट का खुलासा फरवरी में उस वक्त हुआ था, जब अमेरिका से कई अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया गया था। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत इस मामले की जांच शुरू की थी, और अब इसने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई स्थानों पर छापे मारे हैं।
कहां-कहां मारी गई छापेमारी?
ED की जलंधर जोनल ऑफिस ने पंजाब और हरियाणा के 11 स्थानों पर छापे मारे। इनमें अमृतसर, संगरूर, पटियाला, मोगा, अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल जैसे शहर शामिल हैं। इन छापों के दौरान यात्रा और वीजा एजेंटों के ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो अवैध तरीके से लोगों को अमेरिका भेजने का झांसा देकर मोटी रकम वसूलते थे।
'डंकी रूट' क्या है?
"डंकी रूट" नामक यह रास्ता बेहद खतरनाक है, जहां लोगों को एक से दूसरे देश तक गैरकानूनी तरीके से भेजा जाता था। यह आम तौर पर जंगलों, पहाड़ों और ऐसे इलाकों से होकर गुजरता है, जो यात्रा करने के लिए बेहद जोखिमपूर्ण होते हैं। इन एजेंटों द्वारा 45 से 50 लाख रुपये तक वसूले जाते थे, जबकि पीड़ितों को यह बताया जाता था कि वे कानूनी तरीके से अमेरिका जा रहे हैं।
क्या था एजेंटों का तरीका?
ED के मुताबिक, ये एजेंट अपनी धोखाधड़ी को छिपाने के लिए पीड़ितों को यह भरोसा दिलाते थे कि वे पूरी तरह से कानूनी तरीके से विदेश भेजे जाएंगे। लेकिन, जब पीड़ितों को अवैध तरीके से और खतरनाक रास्तों से भेजा जाता था, तो उन्हें धोखे का एहसास होता था। इन एजेंटों ने ना केवल पैसे की वसूली की, बल्कि कई बार पीड़ितों के परिवारों पर अतिरिक्त दबाव डाला। यह दबाव परिवारों से अधिक पैसे लेने के लिए बनाया जाता था, ताकि उनका प्रियजन सुरक्षित रूप से अपना रास्ता तय कर सके।
मामला क्या था और जांच कैसे चल रही है?
यह मामला पंजाब और हरियाणा की पुलिस द्वारा 17 FIRs दर्ज करने के बाद सामने आया था, जिसमें यात्रा एजेंटों और मध्यस्थों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया। ये एजेंट अवैध रूप से लोगों को अमेरिका भेजने के लिए उन्हें भड़काते थे। ED की जांच में इन एजेंटों द्वारा वसूले गए पैसे की रकम और उनके अवैध गतिविधियों का खुलासा हुआ है। इस मामले में दर्ज बयान और आरोपियों के ठिकानों पर की गई छापेमारी से कई संदिग्धों की पहचान हुई है।
अगला कदम: ED की कार्रवाई को लेकर क्या हो रहा है?
ED ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की है। एजेंसी अब अपने जांच अभियान को और तेज कर चुकी है और संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए दबिश बना रही है। ED का मानना है कि यह रैकेट न केवल लोगों की जान को खतरे में डाल रहा था, बल्कि एक संगठित अपराध नेटवर्क को भी बढ़ावा दे रहा था।
ED ने कहा है कि इस तरह के रैकेट को समाप्त करने के लिए वह पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। साथ ही, पंजाब और हरियाणा की पुलिस भी इस मामले में सक्रिय रूप से जांच कर रही है और भविष्य में इस तरह के रैकेट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।