मुरादाबाद। ‘डूबते को तिनके का सहारा’ इस मुहावरे को चरितार्थ करते हुए मुरादाबाद में एक युवक ने बाढ़ के पानी से जान बचाने के लिए पेड़ की एक टहनी का सहारा लिया। बाढ़ में फंसा युवक ने टहनी के सहारे पेड़ पर 20 घंटे तक बैठा रहा। एसडीआरएफ व पुलिस की संयुक्त रेस्क्यू टीम ने युवक को सुरक्षित निकाला। पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि संभल जिले के कुढ़फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के गांव मैतरा निवासी सत्यपाल (22) रक्षाबंधन पर्व पर नौ अगस्त की शाम रझेड़ा स्थित रामगंगा नदी के पुल के समीप वह खुद को संभाल नहीं पाया और वह लगभग एक किलोमीटर तक बाढ़ के पानी में बहता चला गया था। इस दौरान उसे थाना मूंढापाण्डे क्षेत्र के रोंडा- झोंडा के इलाके में यूकेलिप्टस की टहनी का सहारा मिल गया और वह किसी तरह पेड़ पर चढ़ गया।
उसने अपने भाई वीरपाल को संभल में फोन कर घटना से संबंधित जानकारी देने की कोशिश की मगर पानी में भीगने के कारण मोबाइल बंद हो गया जिससे भाई को उसकी लोकेशन पता नहीं चल पाई। युवक शनिवार को रात भर पेड़ पर बैठा रहा। रविवार दोपहर लगभग एक बजे वीरपाल ने पुलिस चौकी रौंडा झोंडा थाना मूंढापाण्डे पर भाई सतपाल के रक्षाबंधन के दिन रझेड़ा बाढ़ में बह जाने की सूचना दी। मोबाइल बंद होने से पहले सत्यपाल ने परिजनों को सूचित किया था कि वह जंगल में एक पेड़ पर बैठा हुआ है।
सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक थाना मूंढापाण्डे पुलिस बल के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और एसडीआरएफ टीम व स्थानीय गोताखोरों को भी सूचना दे कर बुलवा लिया गया था। पीड़ित की लास्ट कॉल के आधार पर लोकेशन का पता लगाया गया। चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह, उपनिरीक्षक उदयवीर सिंह, हेड़ कांस्टेबल अजय कुमार एवं हेड कांस्टेबल राजकुमार द्वारा स्थानीय तैराकों की सहायता से काफ़ी गहरे जलभराव क्षेत्र में पीड़ित सत्यपाल को पेड़ से सुरक्षित उतार कर बाढ़ के सैलाब से सकुशल बाहर निकाल लाए।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि उसे प्राथमिक उपचार दिया गया और स्वास्थ्य परीक्षण के बाद पुलिस ने उसके परिजनों को सौंप दिया। उसे अपने साथ ले गए। पुलिस के इस साहसिक कार्य की प्रशंसा की जा रही है। इस दौरान पुलिस ने जन-सामान्य से अपील करते हुए कहा है की चूंकि रामगंगा नदी इस समय उफ़ान पर है ऐसे में बाढ़ या जलभराव वाले क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से न जाएं। नदी नालों के पास सतर्कता बरतें एवं किसी भी आपात स्थिति में तत्काल यूपी 112 अथवा अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन या प्रशासन से संपर्क करें। रामगंगा नदी का जलस्तर घटने के बावजूद जिले के 60-65 गांव प्रभावित हुए हैं। वहीं दूसरी ओर जिले की गांगन नदी में जलस्तर बढ़ रहा है।
अपर जिलाधिकारी ममता मालवीय ने पत्रकारों को बताया कि रामगंगा नदी का जलस्तर धीर-धीरे घट रहा है। स्थिति काबू में है। प्रभावित इलाकों में डायरिया और मौसमी बीमारियों से बचाने के लिए 24 घंटे वोट एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। जिसमें सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे आक्सीजन सिलेंडर से लेकर ज़रुरी इंजेक्शन, और जीवन रक्षक दवाओं के साथ प्राथमिक उपचार मिल सकेगा यहां तक की गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए चिकित्सक और नर्स स्टाफ मौजूद रहेंगे।