पूरे देश में आज शनिवार को कारगिल विजय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारत के वीर सैनिकों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इन नेताओं ने सैनिकों के अद्भुत साहस, दृढ़ संकल्प और सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए देशवासियों से वीर जवानों के योगदान को हमेशा याद रखने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पर अपने संदेश में लिखा, “कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मैं उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह दिन हमारे सैनिकों की असाधारण वीरता, साहस और अटूट संकल्प का प्रतीक है। उनका समर्पण और सर्वोच्च बलिदान देश के प्रत्येक नागरिक को सदैव प्रेरित करता रहेगा। जय हिंद! जय भारत!”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को इस अवसर पर बधाई देते हुए लिखा कि कारगिल विजय दिवस मातृभूमि की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले वीर सपूतों की “अद्वितीय वीरता और साहस” की याद दिलाता है। उन्होंने लिखा, “यह अवसर हमें उन साहसी वीरों की याद दिलाता है जिन्होंने भारत मां की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। हम उनके साहस को नमन करते हैं।”
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल युद्ध के वीरों की अतुलनीय बहादुरी को याद करते हुए कहा, “कारगिल विजय दिवस पर मैं उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने दुर्गम और कठिन परिस्थितियों में भी राष्ट्र की रक्षा के लिए अद्वितीय साहस और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया। उनका बलिदान भारतीय सशस्त्र बलों के अडिग संकल्प का कालातीत प्रमाण है। भारत हमेशा उनका ऋणी रहेगा।”
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस अवसर पर श्रद्धांजलि दी और शहीदों व उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “कारगिल विजय दिवस पर हम भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों, पूर्व सैनिकों, उनके परिवारों और समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। पूरा देश उन शहीदों के आगे नतमस्तक है जिन्होंने वीरता से हमारी मातृभूमि की रक्षा की। उनकी अडिग साहस और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। जय हिंद।”
कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन भारत की उस ऐतिहासिक जीत की याद दिलाता है जब 1999 में ऑपरेशन विजय के अंतर्गत भारतीय सेना ने कारगिल सेक्टर (लद्दाख) में पाकिस्तानी सेना और घुसपैठियों को भारतीय क्षेत्र से बाहर खदेड़ दिया था। शुरू में पाकिस्तान ने इस घुसपैठ में अपनी संलिप्तता से इनकार किया था और इसे कश्मीरी उग्रवादियों की कार्रवाई बताया था। लेकिन बाद में मारे गए सैनिकों से बरामद दस्तावेजों, पकड़े गए सैनिकों के बयान और पाकिस्तानी नेताओं की स्वीकारोक्ति से यह स्पष्ट हो गया कि इस हमले में पाकिस्तानी सेना और अर्धसैनिक बल, जनरल अशरफ राशिद के नेतृत्व में सीधे तौर पर शामिल थे।
कारगिल युद्ध में भारतीय जवानों ने बेहद कठिन परिस्थितियों, बर्फीले दुर्गम पहाड़ों और दुश्मन की ऊंची पोस्टों के बावजूद अद्भुत पराक्रम दिखाया। यह दिवस भारतीय सेना की वीरता और देशभक्ति का प्रतीक बन चुका है। -