भारत-अमेरिका संबंधों में टैरिफ वॉर और पाकिस्तान से आती परमाणु धमकियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने अमेरिका का दौरा करने वाले हैं। यह यात्रा न केवल संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत की आवाज़ बुलंद करने के लिए अहम होगी, बल्कि व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से तनावपूर्ण रिश्तों को संभालने का भी एक मौका होगी। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी इस मंच से पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर की हालिया परमाणु गीदड़भभकी का कड़ा जवाब भी दे सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र 9 सितंबर से शुरू होगा और उच्च-स्तरीय बहस 23 से 29 सितंबर के बीच चलेगी। प्रस्तावित स्पीकर सूची के अनुसार, पीएम मोदी 26 सितंबर की सुबह सत्र को संबोधित करेंगे। इसी दिन इज़राइल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नेता भी भाषण देंगे। ट्रंप 23 सितंबर को मंच से बोलेंगे, जो उनके दूसरे कार्यकाल का पहला UNGA संबोधन होगा। इस यात्रा का मुख्य मकसद भारत-अमेरिका व्यापार विवाद को सुलझाना और टैरिफ पर किसी समझौते की संभावना तलाशना है। वर्तमान में अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाए हैं ।25% पहले से लागू हैं और अतिरिक्त 25% जल्द लागू होने वाले हैं। भारत ने इन टैरिफ को “अनुचित और अविवेकपूर्ण” बताते हुए साफ कहा है कि वह किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।
विदेश मंत्रालय ने भी दो टूक कहा कि भारत अपने आर्थिक और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। इस पृष्ठभूमि में, पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर का हालिया अमेरिकी दौरा और वहां से दी गई परमाणु हमले की धमकी ने स्थिति को और संवेदनशील बना दिया है। भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह “न्यूक्लियर ब्लैकमेल” के आगे नहीं झुकेगा और अपनी सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएगा। पीएम मोदी की यह यात्रा न केवल आर्थिक वार्ता बल्कि सुरक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर भी निर्णायक साबित हो सकती है।