जयपुर। राजस्थान साइबर क्राइम पुलिस ने 80 लाख रुपए की एक बड़ी साइबर ठगी का खुलासा करते हुए मुख्य खाताधारक को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक (साइबर क्राइम) शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर ठगों ने अजमेर की 82 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला को निशाना बनाया और ‘डिजिटल अरेस्ट’ का डर दिखाकर उनसे 80 लाख की भारी भरकम राशि ऐंठ ली। इस हाई-प्रोफाइल मामले में राजस्थान साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने मुख्य खाताधारक को गिरफ्तार कर लिया है, जिसके बैंक खाते में ठगी की गई सारी रकम ट्रांसफर की गई थी।
शांतनु सिंह ने बताया कि यह घटना 23 नवंबर से 30 नवंबर 2024 के बीच हुई। ठगों ने व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए महिला से संपर्क साधा और खुद को मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताया। उन्होंने महिला को डिजिटल रूप से गिरफ्तार होने का झांसा दिया और कानून की कार्रवाई से बचने के नाम पर उनसे 80 लाख अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लिए। प्रकरण अजमेर में दर्ज होने के बाद इसे साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन राजस्थान जयपुर को हस्तांतरित कर दिया गया जिसके बाद साइबर थाने की विशेष टीम ने ठगी गई राशि के लेन-देन का गहन विश्लेषण किया। जांच में पाया गया कि ठगी की गई पूरी 80 लाख रुपए की राशि एक ही बैंक खाते में स्थानांतरित की गई थी।
यह खाता सोवन मंडल (30) निवासी धूलिया हावड़ा पश्चिम बंगाल का था। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सोवन मंडल को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ जारी है। उन्होंने बताया कि जांच में खुलासा हुआ है कि सोवन मंडल के खाते से यह 80 लाख की राशि आगे 150 से अधिक अन्य खातों में ट्रांसफर की गई थी। सभी संदिग्ध खाताधारकों की पहचान की जा रही है। विश्लेषण से यह भी सामने आया है कि ठगी की गई रकम को विभिन्न खातों से होते हुए नकद निकासी के माध्यम से यूएसडीटी क्रिप्टोकरेंसी में बदला जा रहा था, जिससे पैसे को ट्रैक करना मुश्किल हो जाए।
इस मामले में पहले भी 18 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन गिरफ्तारियों से 13 लाख नकद, 27 मोबाइल फोन, 43 डेबिट कार्ड, 19 पासबुक, विभिन्न बैंकों की 15 चेकबुक, 16 सिम कार्ड, 13 पैन कार्ड/आधार कार्ड, एक लैपटॉप और एक स्विफ्ट वीडीआई कार बरामद की गई है। शांतनु सिंह ने बताया कि ये साइबर ठग ठगी की गई राशि से मिले कमीशन का उपयोग अपने महंगे शौक पूरे करने में करते थे। आशंका जताई जा रही है कि गिरफ्तार किए गए इन ठगों का देश भर में कई अन्य साइबर ठगी के मामलों में भी हाथ हो सकता है। मामले में जांच जारी है और पुलिस इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने में जुटी है।