12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया AI-171 विमान हादसे की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय और संबंधित विभागों को सौंप दी है। रिपोर्ट में हादसे से जुड़े कई अहम तकनीकी इनपुट शामिल हैं, जो जांच की दिशा तय करेंगे। AAIB ने हादसे के पीछे की वजह जानने के लिए ब्लैक बॉक्स, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) को मलबे से बरामद कर उनका विश्लेषण किया है।
हादसे में 270 की मौत, अब तक 215 शवों की हो चुकी है पहचान
इस दुर्घटना में कुल 270 लोगों की जान गई, जिनमें 242 यात्री और क्रू मेंबर्स विमान में सवार थे और बाकी 29 लोग जमीन पर हादसे का शिकार हुए। इनमें से अब तक 215 मृतकों की पहचान डीएनए जांच के जरिए हो चुकी है। अहमदाबाद सिविल अस्पताल की टीम ने यह पुष्टि की कि इनमें से 198 शव पीड़ितों के परिजनों को सौंपे जा चुके हैं।
198 शवों में से 149 भारतीय नागरिक थे, जबकि 32 शव ब्रिटिश नागरिकों के, सात पुर्तगाली नागरिकों के और एक शव कनाडाई नागरिक का था। इसके अलावा सात शव ऐसे भी थे जो उन लोगों के थे जो हादसे के वक्त जमीन पर मौजूद थे।
हादसे की जांच में क्या निकला?
हादसे की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) को सौंपी गई है। AAIB ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार एक बहु-विषयक टीम गठित की है, जिसका नेतृत्व खुद ब्यूरो के डायरेक्टर जनरल कर रहे हैं। 13 जून को हादसे की साइट से कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और 16 जून को फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) मलबे से सुरक्षित रूप से बरामद किए गए। इन डिवाइसेज को नियमों के तहत सुरक्षित रखा गया, फिर विश्लेषण के लिए भेजा गया और अब उनके आधार पर पहली रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप दी गई है।
प्रारंभिक रिपोर्ट में क्या संकेत मिले?
AAIB द्वारा सौंपी गई प्रारंभिक रिपोर्ट में अब तक हादसे के स्पष्ट कारणों का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन तकनीकी संकेतों से यह जरूर तय हुआ है कि घटना के पीछे पायलट की क्रियाएं, तकनीकी खराबी या किसी अन्य बाहरी वजह की संभावनाओं पर जांच की जा रही है। रिपोर्ट में जिन बिंदुओं का उल्लेख है, वे अगली विस्तृत रिपोर्ट में शामिल होकर दुर्घटना की असल वजह को उजागर करेंगे।
आगे की कार्रवाई क्या होगी?
AAIB अब फाइनल रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में जुट गई है। इसके साथ ही पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलवाने और तकनीकी कारणों की पूरी पड़ताल के लिए एयर इंडिया और DGCA से भी सहयोग मांगा गया है। हादसे के बाद सरकार ने कहा है कि पीड़ितों को पूरा न्याय मिलेगा और भविष्य में ऐसी त्रासदी न हो, इसके लिए उड़ान सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जाएगी।