भारतीय वायुसेना को इस महीने के अंत तक पहला हल्का लड़ाकू विमान (LCA) तेजस Mk1A मिलने वाला है। यह स्वदेशी सुपरसोनिक कॉम्बैट एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना की ताकत और परिचालन क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ पुराने मिग-21 विमानों की कमी को भी पूरा करेगा।
तेजस Mk1A के फीचर्स
तेजस Mk1A हल्का और बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है, जिसकी अधिकतम रफ्तार 1.8 मैक और कॉम्बैट रेंज 3,000 किलोमीटर है। यह हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस है और सटीक निर्देशित हथियार ले जाने में सक्षम है। विमान में एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (EWS), और हवा से हवा में ईंधन भरने (AAR) की सुविधा भी है।
डिलीवरी में देरी के कारण
एचएएल के साथ 2021 में हुए 48,000 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत 83 विमानों की डिलीवरी 2024 से शुरू होनी थी। पहले तीन विमान तीसरे वर्ष और अगले पांच वर्षों में प्रति वर्ष 16 विमान देने का लक्ष्य था। हालांकि, जनरल इलेक्ट्रिक से इंजन की डिलीवरी में देरी के कारण यह कार्यक्रम बाधित हुआ। 1984 में शुरू किए गए एलसीए तेजस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पुराने मिग-21 विमानों को बदलना था। यह 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान वायु रक्षा, जमीनी हमले और समुद्री हमले के अभियानों में सक्षम है। इसके निर्माण में 50 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग हुआ है।
तेजस Mk1A का विकास
तेजस Mk1A HAL द्वारा विकसित भारतीय हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस का उन्नत संस्करण है। इसके बेसलाइन Mk1 की तुलना में परिचालन और युद्ध क्षमताओं में सुधार किया गया है। विमान में उन्नत उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर (DFCC Mk1A) और बेहतर गतिशीलता और स्थिरता के लिए आधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम हैं।
भारतीय एयरोस्पेस उद्योग ने 1950 के दशक में पहला सुपरसोनिक लड़ाकू जेट HF-24 मारुत बनाया था। इसके बाद 1983 में भारतीय वायुसेना के पुराने मिग-21 बेड़े को बदलने के लिए एलसीए तेजस का विकास शुरू हुआ। इसके लिए एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) बनाई गई, जबकि उत्पादन HAL के जिम्मे सौंपा गया।
तेजस Mk1 और Mk1A में अंतर
शुरुआती LCA तेजस Mk1 के प्रदर्शन में कुछ कमियां पाई गईं, जिसके बाद भारतीय वायुसेना ने इसमें 43 सुधार सुझाए। इसमें अधिकांश सुधार एवियोनिक्स और हथियार प्रणालियों से संबंधित थे। तेजस Mk1A में इन सभी सुधारों को शामिल किया गया है, जिससे यह आधुनिक लड़ाकू आवश्यकताओं के अनुरूप बन गया है।
रक्षा मंत्री की मौजूदगी में टेस्ट उड़ान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसी सप्ताह नासिक में HAL द्वारा डिजाइन किए गए इन विमानों की पहली उड़ान का निरीक्षण करेंगे। यह कदम भारत के स्वदेशी लड़ाकू जेट कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है और भारतीय वायुसेना की शक्ति में उल्लेखनीय इजाफा करेगा।