भारत सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि 15 अक्टूबर से अमेरिका के लिए सभी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं पुनः चालू होंगी। यह निर्णय उस अस्थायी निलंबन के हटने के बाद लिया गया, जो 22 अगस्त को अमेरिका के नए नियमों के कारण लागू किया गया था। भारत के संचार मंत्रालय के डाक विभाग ने बताया कि नई सेवाओं का पुनः आरंभ डिलीवरी ड्यूटी पेड (DDP) तंत्र के सफल कार्यान्वयन के बाद किया जा रहा है। यह तंत्र अमेरिकी सीमा शुल्क (US Customs and Border Protection) के अपडेटेड नियमों के अनुरूप है।
नए DDP तंत्र की विशेषताएं
- अब अमेरिका भेजे जाने वाले सभी डाक पार्सल की कस्टम ड्यूटी भारत में ही अग्रिम रूप से वसूली जाएगी और सीधे अमेरिकी अधिकारियों को भेजी जाएगी।
- इस प्रक्रिया के तहत, पार्सल प्राप्तकर्ताओं को अतिरिक्त शुल्क का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- अंतरराष्ट्रीय डाक शुल्क यथावत रहेंगे, जिससे MSME, हस्तशिल्पकार, ई-कॉमर्स विक्रेता और छोटे व्यापारियों को लाभ मिलेगा।
- सभी श्रेणियों के अंतरराष्ट्रीय मेल जैसे EMS, एयर पार्सल, रजिस्टर्ड लेटर और ट्रैक्ड पैकेट अब अमेरिका के लिए बुक किए जा सकेंगे।
लाभ और सुविधा
DDP तंत्र की वजह से पार्सल की कस्टम क्लीयरेंस तेज होगी और डाक भेजने वाले को अग्रिम शुल्क की पारदर्शिता मिलेगी। इससे अमेरिकी ग्राहकों तक डिलीवरी निर्बाध और बिना किसी अप्रत्याशित शुल्क के पहुंचेगी। डाक विभाग ने यह भी कहा कि डाक मंडलों के प्रमुखों को निर्यातकों और छोटे व्यवसायियों के बीच इस नई सुविधा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम भारत के वैश्विक डाक और निर्यात लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है और इसे ‘मेक इन इंडिया’, ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP)’ और ‘डाकघर निर्यात केंद्र (DNK)’ जैसी राष्ट्रीय पहलों के साथ जोड़ा जा रहा है।