अधिकतर लोग दिन में दो बार, सुबह और रात को सोने से पहले, बिना ज्यादा सोचे-समझे टूथब्रश का इस्तेमाल करते हैं। हम सोचते हैं कि इससे दांत साफ और स्वस्थ रहेंगे, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि आपका टूथब्रश खुद कितना साफ है? असल में, टूथब्रश जर्म और बैक्टीरिया का घर बन सकता है। आपके मुंह, हाथ और बाथरूम के वातावरण से लाखों बैक्टीरिया, वायरस और फंगस ब्रश पर पहुंच सकते हैं।
टूथब्रश पर बैक्टीरिया कैसे आते हैं?
टूथब्रश पर जर्म्स के तीन मुख्य स्रोत होते हैं:
1. मुंह के बैक्टीरिया: ब्रश करने के दौरान लार, खाना और माइक्रो स्किन कोशिकाएं ब्रश पर जम जाती हैं।
2. हाथ और स्किन: ब्रश पकड़ते और साफ करते समय जर्म्स लग सकते हैं।
3. बाथरूम का वातावरण: खासकर टॉयलेट फ्लश करने पर हवा में फैले कीटाणु ब्रश तक पहुंचते हैं।
कुछ अध्ययन बताते हैं कि नया टूथब्रश भी पहले से बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकता है।
टूथब्रश कब बदलें?
1. हर 3 महीने में: अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अनुसार, नियमित रूप से ब्रश बदलें।
2. ब्रिसल्स घिसने पर: अगर ब्रश के ब्रिसल्स फैल गए हैं या घिस चुके हैं, तो जल्दी बदलें।
3. बीमारी के बाद: सर्दी, फ्लू या किसी संक्रमण के बाद टूथब्रश बदलना जरूरी है।
4. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग और बच्चे: हर 6-8 हफ्तों में ब्रश बदलें।
टूथब्रश को साफ रखने के तरीके
इस्तेमाल के बाद ब्रश को साफ पानी से धोएं।
ब्रश को खड़ा करके खुली हवा में सूखने दें।
ब्रश को ढककर या बंद डिब्बे में न रखें, नमी बैक्टीरिया बढ़ाती है।
एक से अधिक ब्रश को आपस में न छूने दें।
टॉयलेट से ब्रश कम से कम 2 मीटर दूर रखें।
हफ्ते में 1-2 बार ब्रश को एंटीसेप्टिक माउथवॉश या 1% सिरके के घोल में 5-10 मिनट भिगोएं।
माइक्रोवेव या डिशवॉशर में ब्रश डालना संभव है, लेकिन इससे ब्रिसल्स खराब हो सकते हैं।
भविष्य में ऐसे टूथपेस्ट और ब्रश विकसित किए जा रहे हैं, जो अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं।