अक्सर लोग थायराइड की समस्या को केवल वज़न बढ़ने, थकान या मूड में बदलाव से जोड़कर देखते हैं। इस संबंध में हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि शरीर के अंदरूनी हिस्सों में होने वाला दर्द या अकड़न भी इस बीमारी का एक छिपा हुआ संकेत हो सकता है। यदि आपकी गर्दन, कंधे, जबड़े या जोड़ों में बार-बार दर्द रहता है, तो यह केवल मांसपेशियों की थकान नहीं, बल्कि थायराइड असंतुलन का इशारा हो सकता है।
थायराइड क्यों करता है दर्द?
थायराइड गर्दन के बीच में स्थित एक छोटी ग्रंथि है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म, हार्मोन और कई ज़रूरी क्रियाओं को नियंत्रित करती है। जब यह ग्रंथि असंतुलित होकर ज़्यादा या कम हार्मोन बनाती है, तो शरीर का पूरा सिस्टम बिगड़ने लगता है। इसका सीधा असर मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों पर भी पड़ता है।
- गर्दन में सूजन: थायराइड ग्रंथि में सूजन आने पर गर्दन में दर्द, सूजन और निगलने में तकलीफ होती है।
- मांसपेशियों में दर्द: हार्मोनल असंतुलन से मांसपेशियों में कमज़ोरी, खिंचाव और दर्द महसूस होता है।
- जोड़ों में जकड़न: थायराइड हार्मोन की कमी से जोड़ों में जकड़न और सूजन आ सकती है, जो कई बार आर्थराइटिस जैसे लक्षण पैदा करती है।
- दर्द कभी-कभी कंधे, पीठ, छाती या जांघों तक भी फैल सकता है।
शरीर के अनदेखे खतरे के संकेत
यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो इन्हें अनदेखा करना भारी पड़ सकता है:
- गले या गर्दन में दर्द/सूजन या निगलने में परेशानी होना।
- हाथ-पैर या कंधों में बार-बार दर्द या खिंचाव।
- सुबह उठते ही शरीर में अकड़न महसूस होना।
- वज़न, भूख या नींद में अचानक और अस्पष्टीकृत बदलाव।
अगर थायराइड से जुड़ा दर्द महसूस हो तो क्या करें?
यदि आपको थायराइड से जुड़े दर्द के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत ये कदम उठाएँ:
1. दर्द किस हिस्से में है और कब बढ़ता है, इसका रिकॉर्ड रखें।
2. TSH, T3 और T4 ब्लड टेस्ट करवाकर थायराइड की स्थिति साफ़ करें।
3. खुद से दवा लेने की गलती न करें, विशेषज्ञ से सलाह लें।
4. स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनाव को कम करना बहुत ज़रूरी है।