हमारा दिल (हार्ट) शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है। इसका काम लगातार खून को पंप करना है ताकि पूरे शरीर में ऑक्सीजन और ज़रूरी पोषक तत्व पहुंचते रहें। जब दिल सही तरह से काम करता है, तब शरीर भी स्वस्थ रहता है। आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी, खराब खान-पान, तनाव, मोटापा और बढ़ती उम्र की वजह से दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। पहले ये बीमारियां उम्रदराज़ लोगों में होती थीं, लेकिन अब ये युवाओं को भी परेशान कर रही हैं। जब दिल कमजोर होने लगता है, तो शरीर कई तरह के संकेत देता है। लेकिन अधिकतर लोग इन्हें मामूली समझकर अनदेखा कर देते हैं। अगर इन संकेतों को समय पर पहचान लिया जाए और इलाज शुरू कर दिया जाए, तो बड़ी मुसीबत से बचा जा सकता है।
हार्ट कमजोर होने के संकेत
बिना मेहनत के जल्दी थकान और सांस फूलना: अगर आप बिना ज़्यादा मेहनत के ही जल्दी थक जाते हैं या थोड़ी सी चढ़ाई या चलने पर ही सांस फूलने लगती है, तो यह दिल की कमजोरी का संकेत हो सकता है। यह इसलिए होता है क्योंकि शरीर के सभी अंगों तक खून और ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुंच पाता।
पैरों, टखनों और पेट में सूजन: जब हार्ट कमजोर हो जाता है, तो शरीर में तरल पदार्थ (fluid) जमा होने लगते हैं। इसका असर पैरों, टखनों, पंजों और पेट में सूजन के रूप में दिख सकता है। हालांकि ये लक्षण किडनी या लिवर की बीमारी में भी होते हैं, लेकिन हार्ट से जुड़ी दिक्कतों में भी ये आम हैं।
सीने में दर्द, भारीपन या जकड़न: अगर सीने में बार-बार दर्द हो, दबाव महसूस हो या भारीपन लगे, तो ये हार्ट अटैक या हार्ट की कमजोरी का संकेत हो सकता है। यह दर्द बाएं हाथ, जबड़े, पीठ या गर्दन तक भी फैल सकता है। अगर ऐसा हो रहा हो, तो इसे नज़रअंदाज़ ना करें और तुरंत डॉक्टर से मिलें।
दिल की धड़कन तेज़ या अनियमित होना: अगर आपकी दिल की धड़कन कभी बहुत तेज़, कभी बहुत धीमी या अनियमित हो रही हो, तो यह भी हार्ट की समस्या का इशारा हो सकता है।
हार्ट कमजोर होने के संकेत
दिल कमजोर होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं
हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप)
कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
मोटापा और शारीरिक गतिविधियों की कमी
धूम्रपान और शराब का सेवन
लगातार तनाव और नींद की कमी
परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास (अनुवांशिकता)
कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?
अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण नज़र आएं तो देरी ना करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से दवाएं लेना सही नहीं है, डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही टेस्ट करवाएं और इलाज शुरू करें। अगर आपके परिवार में पहले से दिल की बीमारी का इतिहास रहा है तो और ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।
कैसे रखें दिल को मजबूत?
सही खान-पान अपनाएं: खाने में हरी सब्जियां, ताजे फल, साबुत अनाज (whole grains), कम फैट वाला दूध और मछली शामिल करें। ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, अखरोट का सीमित मात्रा में सेवन फायदेमंद है। जंक फूड, तले हुए भोजन और ज्यादा मीठे से परहेज करें।
रोज़ाना वॉक और एक्सरसाइज करें: हर दिन कम से कम 30 मिनट तक तेज़ चलना या हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें। योग और प्राणायाम भी दिल की सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
धूम्रपान और शराब से दूरी रखें: सिगरेट और शराब दिल की सेहत के लिए ज़हर की तरह होती हैं। इन्हें जितना जल्दी छोड़ा जाए, उतना बेहतर।
तनाव को कंट्रोल करें: तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन करें, मनपसंद संगीत सुनें, किताबें पढ़ें या अपने शौक पूरे करें।
नियमित जांच करवाएं: ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच समय-समय पर कराते रहें। अगर कोई दिक्कत हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
दिल की बीमारियां खतरनाक तो होती हैं, लेकिन अगर समय पर लक्षणों को पहचाना जाए और इलाज शुरू किया जाए, तो इन्हें रोका जा सकता है। हार्ट की सेहत हमारे अपने हाथ में है थोड़ी सावधानी, सही जीवनशैली और जागरूकता से हम इसे मजबूत बना सकते हैं।