चंडीगढ़ में बुधवार देर रात से शुरू हुई झमाझम बारिश ने जहां गर्मी और उमस से राहत दिलाई, वहीं सुखना लेक का जलस्तर प्रशासन के लिए चिंता का सबब बन गया है। कई दिनों बाद ऐसा पहली बार हुआ जब पूरे शहर ने एकसाथ बारिश का मजा लिया, लेकिन इसके साथ ही अब जलभराव और झील के ओवरफ्लो की संभावनाएं भी खड़ी हो गई हैं।
शहर ने ली सुकून की सांस, कई हिस्सों में दिनभर रिमझिम
बुधवार रात से गुरुवार सुबह साढ़े 8 बजे तक शहर में 9.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि शाम तक यह आंकड़ा 6.8 मिमी और बढ़ गया। एयरपोर्ट क्षेत्र में सबसे ज्यादा 28.2 मिमी बारिश दर्ज हुई। शहर की सड़कों पर भी ठंडक महसूस की गई और कई इलाकों में दिनभर हल्की-तेज बारिश का सिलसिला जारी रहा।
सुखना लेक खतरे के निशान से सिर्फ 1 फीट नीचे, लगातार बढ़ रहा है जलस्तर
तेज बारिश का सबसे बड़ा असर सुखना लेक पर देखने को मिला है। झील का जलस्तर अब खतरे के निशान से महज 1 फीट नीचे है। इंजीनियरिंग विभाग और प्रशासन की टीमें लगातार जलस्तर पर नज़र बनाए हुए हैं। अगर कैचमेंट एरिया में एक और जोरदार बारिश होती है, तो झील का स्तर खतरे की सीमा को पार कर सकता है।
कभी भी खुल सकते हैं झील के गेट, तैयार है प्रशासन
स्थिति को देखते हुए झील के गेट खोलने की तैयारी कर ली गई है। शुक्रवार से मानसून के थोड़ा कमजोर होने के संकेत तो हैं, लेकिन कैचमेंट एरिया में अचानक बारिश होने की स्थिति में झील ओवरफ्लो कर सकती है। विभागीय टीमें अलर्ट मोड पर हैं और हालात बिगड़ने पर तुरंत एक्शन लेने के निर्देश जारी किए गए हैं।
लोगों को दी गई चेतावनी – झील के आसपास न जाएं, निचले इलाकों में रहें सतर्क
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुखना लेक के पास अनावश्यक रूप से न जाएं और निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोग पूरी सतर्कता बरतें। जलभराव की आशंका वाले इलाकों में विशेष निगरानी रखी जा रही है।
हर पल पर नजर, हालात बिगड़े तो तुरंत ऐक्शन प्लान लागू
इंजीनियरिंग विभाग, नगर निगम और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार सुखना लेक के लेवल पर नज़र रखे हुए हैं। हर घंटे अपडेट लिया जा रहा है और बारिश के हर नए दौर पर कार्रवाई की रणनीति तय की जा रही है।