अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर एक अच्छी खबर दी है। IMF की नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2026 और 2027 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह पहले के अनुमान की तुलना में थोड़ा अधिक है, जो दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर अनुकूल परिस्थितियों का लाभ मिल रहा है।
IMF ने अपनी “वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक” रिपोर्ट में कहा है कि उसने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 0.2 प्रतिशत यानी 20 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.4% कर दिया है। अगले वित्त वर्ष 2026-27 के लिए भी ग्रोथ अनुमान को 0.1 प्रतिशत यानी 10 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.4% किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में आर्थिक स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है। वहीं IMF ने वैश्विक विकास दर 2025 के लिए 3.0 प्रतिशत और 2026 के लिए 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। यह अप्रैल में दिए गए अनुमान से थोड़ा अधिक है, जिससे पता चलता है कि व्यापार, वित्तीय और नीतिगत माहौल पहले से थोड़ा बेहतर हुआ है।
हालांकि, IMF ने यह भी चेतावनी दी है कि कुछ जोखिम बने हुए हैं। जैसे- अमेरिका में मुद्रास्फीति अब भी लक्ष्य से ऊपर है, वैश्विक व्यापार में टैरिफ बढ़ने का खतरा, और भू-राजनीतिक तनाव (जैसे युद्ध या क्षेत्रीय विवाद) सप्लाई चेन को बाधित कर सकते हैं। उभरते और विकासशील देशों की बात करें तो वहां 2025 में विकास दर 4.1% और 2026 में 4.0% रहने का अनुमान है। वैश्विक स्तर पर महंगाई दर 2025 में 4.2% और 2026 में 3.6% रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर दुनिया भर के देश व्यापार पर बेहतर समझौते कर लेते हैं और शुल्क (टैरिफ) कम करते हैं, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा मिल सकता है।