शिमला; हिमाचल प्रदेश में आई भयंकर आपदा में मंगलवार को तीन और लोगों की मौत हो गई है। कुल्लू और कसौली में मकान गिरने से एक-एक महिला की मौत हुई, वहीं नेरवा के मंधाना गांव में भी लैंडस्लाइड की चपेट में आने से एक घर गिर गया, जिसके मलबे में दबने से एक युवक की मौत हो गई। सबसे ज्यादा नुकसान मंडी के सुंदरनगर में दिखा, जहां भू-स्खलन की चपेट में आने से दो घर दब गए और मलबे में दम घुटने से दो महिलाओं और एक बच्ची की मौत हो गई। इसके अलावा हादसे में दो लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। सरकारी रिपोर्ट की बात करें, तो प्रदेश में मानसूनी आफत में मौतों का आंकड़ा 340 तक पहुंच गया है। 41 लोग प्रदेश में लापता हैं और राज्य में चार एनएच के साथ कुल 1334 सडक़ें यातायात के लिए पूरी तरह से बाधित हैं। जानकारी के अनुसार कुल्लू के ढालपुर में मंगलवार सुबह एक मकान भू-स्खलन की चपेट में आ गया, जिसमें दो लोग दब गए। इसमें से एक महिला की मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल है। उधर, नेरवा के मंधाना गांव में भी मकान गिरने से एक युवक की मौत हो गई। सोलन जिला के कसौली में मकान की दीवार गिरने से घर पर सो रही महिला की मौत हो गई। मृतका की पहचान हेमलता निवासी बस्तला गांव के तौर पर हुई है।
हेमलता की तीन बेटियां और एक बेटा है। सोलन के ही अर्की में भी भारी बारिश से एक मकान जमींदोज हो गया। कुल्लू जिला के आनी बस स्टेंड में सुबह दो मंजिला मकान भर-भराकर गिर गया। मंडी के करसोग में भी दोपहर को 12 कमरों का मकान जमींदोज हो गया। बिलासपुर में भी मंगलवार को सात मकान दरारें पडऩे के बाद खाली कराए गए। वहीं मंडी में गुरुद्वारा के पास सोमवार देर रात पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिरने से तीन मकानों को नुकसान पहुंचा है। पत्थर गिरने की आवाजें सुनकर कॉलोनी के 200 से ज्यादा लोग अपने घरों को छोडक़र भागे। इससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मची रही। इन लोगों ने रिश्तेदारों के घर और मंदिर में रात बिताई। हिमाचल प्रदेश को आपदा से अब तक कुल 3525 करोड़ 37 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य के चार नेशनल हाइवे नंबर 03, 05, 305 और 707 बंद पड़े हैं। वहीं 1334 सडक़ें पूरी तरह से अवरुद्ध पड़े हैं।