लखनऊ में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक शख्स अपने मृत पिता को कागजों में जिंदा दिखाकर सालों तक पेंशन के पैसा खाता रहा। इतना ही नहीं, शख्स ने पिता को जिंदा दिखाने के लिए किसी शख्स को किराये पर लेकर विभाग को भी गुमराह किया। इस धोखाधड़ी का खुलासा उस समय हुआ जब इस साल फरवरी में दस्तावेजों का सत्यापन हुआ। दस्तावेजों में लगी फोटो का मेल न होने पर अधिकारियों को शक हुआ और इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। अब विभाग ने शख्स को रिकवरी का नोटिस भेजा है। पिता के निधन के बाद बेटे ने जितने महीने की पेंशन ली होगी, उतनी रकम रिकवरी के रूप में जमा करनी होगी। ऐसा न करने पर विभाग कानूनी कार्रवाई करेगा।
जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें कि धोखाधड़ी का यह मामला लखनऊ के तेलीबाग इलाके का है। यहां प्रेम शंकर तिवारी जो शिक्षा विभाग से रिटायर हुए थे, उनका कुछ साल पहले निधन हो गया था। उनके बेटे आलोक तिवारी ने पिता की पेंशन को हड़पने का प्लान बनाया और किसी दूसरे शख्स को पैसे देकर अपने पिता के रूप में पेश करता रहा। इस तरह वह सालों तक अपने पिता की पेंसन निकालता रहा।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
इस फरवरी में जब सत्यापन प्रक्रिया के दौरान वह शख्स पेश हुआ तो अफसरों को शक हुआ। दस्तावेज में लगी फोटो से मिलान किया गया तो पता चला कि ये प्रेम शंकर तिवारी नहीं है। जांच में पता चला कि प्रेम शंकर का काफी समय पहले निधन हो चुका है और बेटा आलोक लंबे समय से फर्जीवाड़ा कर रहा था। अब उसमें आलोक तिवारी को रिकवरी का नोटिस जारी हुआ है। हालांकि हैरानी की बात यह है कि इतना बड़ा फर्जीवाड़ा होने के बाद भी आलोक के उपर कोई FIR दर्ज नहीं हुई है।