नई दिल्ली। लोकसभा में मानसून सत्र के पहले दिन ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं चला और अध्यक्ष ओम बिरला को सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरु किया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन से बाहर निकल गए। इसी बीच विपक्षी सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष ने सदस्यों से नारेबाजी नहीं कर प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया लेकिन सदस्य हंगामा, नारेबाजी और तख्तियां लहराते हुए सदन के बीचों-बीच आ गए।
अध्यक्ष ने सदस्यों से हंगामा नहीं करने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह करते हुए कहा कि जनता ने उनके मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सदस्यों को चुनकर भेजा है, इसलिए उन्हें जनता से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए प्रश्नकाल चलने देना चाहिए और सदन की कार्यवाही में बाधा नहीं डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले दिन सदन में हंगामा नहीं हो यह मिथक टूटना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि सदस्यों को नारे नहीं लगाने चाहिए। इसके लिए सदन नहीं है और जिन्हें नारे लगाने हैं उन्हें बाहर जाकर नारेबाजी करनी चाहिए। उनका कहना था कि सदन नियम और प्रक्रिया से चलता है इसलिए सदस्यों को नियम और प्रक्रिया का पालन करते हुए तख्तियां नहीं लहरानी चाहिए और सदन की कार्यवाही चलाने में सहयोग करना चाहिए।
ओम बिरला ने कहा कि सरकार हर सवाल का जवाब देने और हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है इसलिए सदस्यों को हंगामा नहीं करना चाहिए और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों-बीच नहीं आना चाहिए। ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से पूछा कि क्या वह सदन नहीं चलने देना चाहते हैं, जनता ने उन्हें हंगामा करने के लिए चुनकर नहीं भेजा है इसलिए उन्हें सदन चलने देना चाहिए। अध्यक्ष ने हंगामे के बीच प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन हंगामा बढ़ता रहा जिसके कारण 20 मिनट के भीतर उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।