सिरसा। (सतीश बंसल)। सावन की पहली मूसलाधार बरसात के बाद शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। लोगों के घरों व दुकानों में पानी घुस आया है। प्रशासन द्वारा जलनिकासी के किए गए तमाम दावों की पोलपट्टी खुलकर सामने आ गई है। यह बात वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजकुमार शर्मा ने शहर का दौरा करते हुए कही। शर्मा ने कहा कि नोहरिया बाजार, सुरतगढिय़ा
बाजार, सरकूलर रोड से वाल्मीकि चौक, कमालिया भवन रोड, बंद गेट, नई अनाज मंडी, जनता भवन रोड, सब्जी मंडी, हिसारिया बाजार, परशुराम चौक, अंबेदकर चौक, बस स्टैंड
रोड, बेगू रोड, कंगनपुर रोड सहित सभी बाजारों में जलभराव होने से राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राजकुमार शर्मा ने कहा कि स्टॉर्म वाटर परियोजना फेज-1 पर लगभग 42 करोड़ रूपए का खर्चा नगरपरिषद ने दिखाया। सत्ताधारी नेताओं ने भी खूब दावे किए कि शहर में एक बूंद पानी भी जमा नहीं होगा। मगर बरसात ने सारे दावों की हवा निकालकर रख दी। उन्होंने कहा कि अगर इस जलनिकासी प्रोजेक्ट पर पूरा पैसा खर्च होता तो स्थिति में निश्चित तौर पर सुधार होता, पर अधिकारियों व नेताओं ने आपसी मिलीभगत कर पैसे की बंदरबाट कर शहरवासियों के साथ दगा किया है, जिसके लिए जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि अब स्टॉर्म वाटर प्रोजेक्ट-2 पर करोड़ों रूपए खर्च करने के दावे किए जा रहे हैं, जबकि इस प्रोजेक्ट में भी पहले की तरह नप अधिकारियों व सत्ता से जुड़े लोगों ने करोड़ों रूपए हजम करने की तैयारी कर ली है। शर्मा ने कहा कि परियोजना के तहत बिछाई गई पाइप लाइनें जगह जगह से धंस गई हैं। इस वजह से बने गड्ढों में वाहन धंसने से लोगों की जान खतरे में डाल दी गई है और इसके लिए नगरपरिषद के रहनुमा व सत्ता जिम्मेदार है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि बिना बैड बेस के पाइपें बिछाकर जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का हश्र भी पहले जैसा होगा और शहर की जनता को जलभराव से निजात मिलने वाली नहीं। राजकुमार शर्मा ने कहा कि खुद मुख्यमंत्री ने यह बात कही थी कि मानसून से पहले सडक़ों के गड्ढे भी दिए जाएंगे, पर उनके आदेशों की जरा भी पालना नहीं हुई। नप अधिकारी सीएम के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जनस्वास्थ्य विभाग ने भी बरसाती नालों की सफाई के नाम पर सरकारी पैसा जमकर हजम करने का काम किया है। भाजपा शासन में भ्रष्टाचार के घोड़े बेलगाम दौड रहे हैं, और इनपर नकेल कसने वाला कोई नहीं हैं। राजकुमार शर्मा ने कहा कि पूरा शहर टापू में तबदील हो गया है। सीवरेज ओवरफ्लो हो गए हैं। कोई ऐसा कोना नहीं बचा, जहां पानी एकत्रित ना हुआ हो। लोग जलभराव के कारण घरों में कैद होकर रह गए हैं। शासनिक व प्रशासनिक लापरवाही के कारण पूरा शहर नरक भोग रहा है और अधिकारी चैन की बंसी बजा रहे हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि बरसात के 48 घंटे बाद भी शहर से पानी नहीं निकल पाया है। स्टॉर्म वाटर प्रोजेक्ट लोगों के गले की फांस बन चुका है। प्रोजेक्ट के नाम पर पूरा शहर खोद डाला गया है। लोग नप प्रशासन और भाजपा नेताओं को कोस रहे हैं। राजकुमार शर्मा ने कहा कि लोगों के दिक्कत की इस घड़ी में ना तो भाजपा का कोई नेता नजर आ रहा है, ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी।
शहरवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। राजकुमार शर्मा ने कहा कि शहर के नारकीय हालात के जिम्मेदारों को उनके किये की सजा जरूर मिलनी चाहिए।