भारत में 1.52 करोड़ से ज्यादा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पंजीकरण सक्रिय हैं और पंजीकृत जीएसटी करदाताओं में से हर पांचवें हिस्से में अब कम से कम एक महिला है, और 14 प्रतिशत पंजीकृत करदाताओं में सभी महिला सदस्य हैं। यह जानकारी मंगलवार को जारी हुई एसबीआई की एक रिपोर्ट में दी गई।
एसबीआई रिसर्च के अनुसार, LLP और प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व उच्च है, जो कॉर्पोरेट क्षेत्र में समान भागीदारी की संभावनाएं दिखाता है
एसबीआई के आर्थिक अनुसंधान विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) और निजी लिमिटेड कंपनियों में यह प्रतिनिधित्व काफी अधिक है और कॉर्पोरेट में बढ़ती औपचारिकता भविष्य में समान प्रतिनिधित्व के लिए शुभ संकेत हैं।
15% आयकरदाताओं और 40% बैंक जमा में हिस्सेदारी के साथ महिलाओं ने आर्थिक सशक्तिकरण का परिचय दिया
एसबीआई की समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्या कांति घोष ने कहा, “यह आंकड़ा, कुल आयकरदाताओं में महिलाओं की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत और कुल जमा में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ, महिला सशक्तिकरण को दर्शाता है।”
शीर्ष 5 राज्यों ने कुल GST संग्रह में 41% योगदान दिया, जबकि 6 राज्यों का वार्षिक संग्रह 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा
डॉ. घोष ने कहा कि केवल पांच वर्षों (वित्त वर्ष 21-25) में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन दोगुना हो गया और औसत मासिक सकल जीएसटी कलेक्शन अब 2 लाख करोड़ रुपए है। शीर्ष पांच राज्यों का कुल जीएसटी कलेक्शन में 41 प्रतिशत का योगदान दिया है और छह राज्यों ने 1 लाख करोड़ रुपए के वार्षिक जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े को पार कर लिया है।
1 लाख करोड़ से अधिक GST संग्रह करने वाले राज्यों में IGST की हिस्सेदारी 30% से अधिक है
जिन राज्यों का जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक है, उनके कुल घरेलू कलेक्शन में एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से अधिक है। इस साल 1 जुलाई को जीएसटी लागू हुए आठ साल पूरे हो गए। आर्थिक एकीकरण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में 2017 में लागू किए गए जीएसटी ने अप्रत्यक्ष करों की एक जटिल प्रणाली को एक एकीकृत प्रणाली से बदल दिया।
पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाकर GST ने मजबूत और एकीकृत अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत की
एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि इसने कर अनुपालन को आसान बनाया, व्यवसायों की लागत कम की और राज्यों के बीच वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही को सुनिश्चित किया है। पारदर्शिता और दक्षता में सुधार करके, जीएसटी ने एक मजबूत, अधिक एकीकृत अर्थव्यवस्था की नींव रखने में मदद की।
उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात में GST करदाताओं की हिस्सेदारी, राज्यों की GSDP हिस्सेदारी से अधिक
रिपोर्ट में बताया गया कि तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे कुछ बड़े और समृद्ध राज्यों में सक्रिय जीएसटी करदाताओं की हिस्सेदारी, कुल जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) में राज्य की हिस्सेदारी की तुलना में कम है। वहीं, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात जैसे राज्यों में कुल जीएसटी करदाताओं की हिस्सेदारी, कुल जीएसडीपी में राज्य की हिस्सेदारी से ज्यादा है। यह दर्शाता है कि इन राज्यों में जीएसटी में अभी भी अपार संभावनाएं हैं।