केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में जानकारी दी कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत 1.6 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें से 1.29 करोड़ उम्मीदवारों को प्रमाणपत्र भी जारी किए गए हैं। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने लोकसभा में लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा संचालित अन्य कार्यक्रमों के तहत भी 1.74 करोड़ उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है।
जयंत चौधरी ने बताया कि एनएसडीसी ने 2.32 लाख से अधिक प्रशिक्षकों को सर्टिफिकेट वितरित किया है। वित्त वर्ष 2024-25 में PMKVY के तहत कुल 1,538.29 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। PMKVY 4.0 के तहत, प्रशिक्षण कार्य मान्यता प्राप्त और संबद्ध प्रशिक्षण केंद्रों (TCs) में हो रहा है, जिनकी निगरानी फिजिकल और वर्चुअल माध्यमों से की जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अनियमित प्रशिक्षण केंद्रों के खिलाफ FIR, ब्लैकलिस्टिंग, निलंबन और वित्तीय वसूली जैसे कानूनी कदम भी उठाए जाते हैं।
सरकार ने बताया कि यह योजना देश के सभी वर्गों, विशेष रूप से वंचित समुदायों के लिए लागू है। समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा लक्षित प्रचार अभियान, उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम और डिजिटल अंतर को पाटने वाले भविष्य उन्मुख कोर्स शुरू किए गए हैं।
कौशल विकास को समावेशी और व्यापक बनाने के लिए विशेष परियोजनाओं के तहत और जिलों तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना पर भी जोर दिया गया है। PMKVY के तहत युवाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए सरकार ने कई रणनीतिक पहलें की हैं। देश, राज्य और जिला स्तर पर नियमित स्किल गैप अध्ययन के माध्यम से नौकरी की मांग का आकलन किया जाता है और जिला कौशल विकास योजना (DSDPs) तैयार की जाती है। सभी पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा (NSQF) के अनुरूप बनाया गया है ताकि वे बदलती बाजार की आवश्यकताओं और भविष्य की रोजगार संभावनाओं के साथ तालमेल बनाए रखें।
PMKVY 4.0 के तहत अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रिक व्हीकल, रोबोटिक्स, 5G और डेटा एनालिटिक्स जैसे उभरते क्षेत्रों में भी प्रशिक्षण शुरू किया गया है, जिससे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार किया जा सके। -