बिहार में चल रहे मतदाता गहन पुनरीक्षण पर रोक लगाने की मांग करते हुए महागठबंधन ने बुधवार को राज्यव्यापी चक्का जाम आंदोलन कर यातयात को बाधित किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव सहित महागठबंधन के घटक दलों के नेता आयकर गोलंबर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय तक विरोध मार्च निकालने के लिए पहुंच गए हैं। महागठबंधन के बिहार बंद का असर राजधानी पटना समेत बिहार के अलग-अलग जिलों में दिख रहा है। राज्य मुख्यालय सूत्रों ने बताया कि चक्का जाम को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस अधीक्षकों को उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। बिहार के विभिन्न जिलों में सुबह से ही महागठबंधन के कार्यकर्ता सडक़ों पर उतर आए और सडक़ जाम कर रहे थे। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने राजधानी पटना में अपने समर्थकों के साथ सवारी गाड़ी रोककर विरोध प्रदर्शन किया है। श्री यादव ने कहा कि चक्का जाम का फैसला कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में लिया गया था। उन्होंने कहा कि विपक्ष चुनाव आयोग के मतदाता गहन पुनरीक्षण फैसले के खिलाफ लड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे बिहार में लंबे समय से रह रहे मतदाता वंचित हो जाएँगे और इस प्रककया में मतदाताओं को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, राजापुर इलाके में कुछ प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन के दौरान सडक़ों पर टायर जलाए। जहानाबाद से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युवा कार्यकर्ता सुबह-सुबह सडक़ों पर उतर आए और प्रदर्शन किया। अररिया जिला के फारबिसगंज में सुबह-सुबह बंद का असर साफ़ दिखाई दिया। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय यात्री ट्रेनों की आवाजाही बाधित करने की कोशिश की और चुनाव आयोग तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। गठबंधन ने मतदाता गहन पुनरीक्षण पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। महागठबंधन ने इसे विधानसभा चुनाव बाद कराने की सलाह दी है। महागठबंधन का कहना है कि जिन 11 दस्तावेजों की मांग की जा रही है, वह गरीबों के पास नहीं है।