इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के पहले छह दिनों में 1.11 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। वहीं आज बुधवार को जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से 7,579 श्रद्धालुओं का नया जत्था कश्मीर की ओर रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से हुई थी और तब से लेकर अब तक 1.11 लाख से ज्यादा यात्रियों ने दर्शन किए हैं। सुरक्षाबलों की निगरानी में आज दो अलग-अलग जत्थे रवाना किए गए। पहले जत्थे में 133 वाहन शामिल थे, जिनमें 3,031 यात्री थे, जो सुबह 3:25 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए। वहीं, दूसरे जत्थे में 169 वाहन और 4,548 यात्री थे, जो सुबह 3:40 बजे नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुए।
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) के अधिकारियों के मुताबिक जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से पहुंचने वालों के अलावा, कई श्रद्धालु सीधे बालटाल और नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप पर जाकर ऑन-द-स्पॉट रजिस्ट्रेशन कर यात्रा में शामिल हो रहे हैं। इस बीच मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश, कहीं-कहीं तेज बौछारों और गरज-चमक की चेतावनी दी है। इसके बावजूद प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं के इंतजामों में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
विगत 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन इलाके में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा पर्यटकों को धर्म के आधार पर अलग कर 26 नागरिकों की हत्या किए जाने के बाद से सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा के लिए सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और जम्मू-कश्मीर पुलिस की तैनाती के अलावा 180 अतिरिक्त केंद्रीय अर्धसैनिक बल (CAPFs) की कंपनियों को भी लगाया गया है। पूरे मार्ग पर ट्रांजिट कैंप्स, बेस कैंप्स और गुफा तक जाने वाली सड़क को पूरी तरह सुरक्षा बलों ने कवर किया है। वहीं स्थानीय लोगों ने इस बार की यात्रा में फिर से अपना पूरा सहयोग दिखाया है। जब पहले जत्थे के यात्री काजीगुंड में नवयुग टनल पार कर घाटी में दाखिल हुए, तब स्थानीय लोग फूल-मालाओं और स्वागत बोर्ड के साथ उनका स्वागत करने पहुंचे।
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और यह 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन पर्व के साथ मेल खाती है। यह यात्रा कुल 38 दिनों तक चलेगी। पवित्र गुफा 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और श्रद्धालु वहां दो मार्गों से पहुंचते हैं-पहलगाम और बालटाल। परंपरागत पहलगाम मार्ग से यात्रा करने वाले श्रद्धालु चंदनवारी, शेषनाग और पंचतरणी से होते हुए करीब 46 किलोमीटर की दूरी तय कर चार दिनों में गुफा तक पहुंचते हैं। वहीं, बालटाल मार्ग छोटा है, जिसमें केवल 14 किलोमीटर पैदल चलकर एक ही दिन में दर्शन कर श्रद्धालु बेस कैंप लौट आते हैं। इस वर्ष सुरक्षा कारणों से हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है, जिससे सभी श्रद्धालुओं को पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। फिर भी श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है और हर दिन हजारों की संख्या में लोग बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आ रहे हैं।-