पंजाब पुलिस के रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर, जहान खेला (होशियारपुर) में एक चौकाने वाली घटना सामने आई है। यहां ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे छह जवानों का डोप टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है, जिससे पुलिस विभाग में हलचल मच गई है। ये जवान अब अपने-अपने जिलों में वापस भेजे जा चुके हैं और पुलिस बल की सूची से हटा दिए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, ये सभी जवान लुधियाना, तरनतारन और पटियाला जिलों से ताल्लुक रखते थे और बैच नंबर 270 के तहत बुनियादी पुलिस ट्रेनिंग में हिस्सा ले रहे थे। सेंटर पर तैनात चीफ ड्रिल इंस्ट्रक्टर (CDI) ने इन जवानों के व्यवहार में संदिग्ध लक्षण देखे, जिसके बाद उनकी निगरानी शुरू की गई। जब इनका मेडिकल परीक्षण कराया गया, तो रिपोर्ट में नशे के लक्षण मिले।
मेडिकल जांच का खुलासा
सिविल अस्पताल होशियारपुर द्वारा किए गए डोप टेस्ट में ये जवान पॉजिटिव पाए गए। हालांकि, उनके व्यवहार में नशे के लक्षण तो थे, लेकिन कोई खास गंध या अन्य स्पष्ट संकेत नहीं मिले थे। जांच के बाद इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई, जिन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन जवानों को पुलिस बल से हटा दिया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
पुलिस विभाग ने तुरंत संबंधित जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (SSP) और पुलिस कमिश्नरों को पत्र जारी किया और कहा कि इन जवानों को नशामुक्ति प्रक्रिया से गुजरवाया जाएगा, ताकि नशे की यह आदत बाकी ट्रेनी या कर्मियों पर असर न डाले।
नशे के खिलाफ सख्ती की तैयारी
यह घटना पुलिस विभाग के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है। यह सवाल फिर उठ खड़ा हुआ है कि जब पुलिस महकमे में ही नशे की समस्या है, तो नशे के खिलाफ राज्य में चल रही मुहिम कितनी सफल हो सकती है? विभाग ने संकेत दिए हैं कि अब से ट्रेनिंग के दौरान डोप टेस्ट की प्रक्रिया को और सख्त किया जाएगा, और नियमित रूप से अचानक जांचें की जाएंगी ताकि इस तरह के मामलों को शुरुआती स्तर पर रोका जा सके।