नई दिल्ली; ‘एक देश-एक चुनाव’ पर भाजपा सांसद पीपी चौधरी के नेतृत्व वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की शुक्रवार को हुई बैठक में पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस खेहर और डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने प्रस्तुतीकरण में कहा कि यह विधेयक सिद्धांतत: संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समय चुनाव आयोग की भूमिका गहन जांच के दायरे में आ गई है, क्योंकि उसे अत्यधिक शक्तियां प्रदान करने के प्रस्ताव पर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं और इस धारा के पुनर्मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय बहस की आवश्यकता है। वहीं, दोनों पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने जेपीसी को यह सुझाव दिया कि चुनाव आयोग के इतनी बेलगाम ताकत नहीं दी जानी चाहिए, जितनी की संशोधन बिल में प्रस्तावित की गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियंत्रण और संतुलन बनाए रखने के लिए एक सिस्टम होना चाहिए।
इसके अलावा दोनों ने संसदीय समिति को सुझाव देते हुए कहा कि चुनावों के संचालन के लिए एक निगरानी तंत्र होना चाहिए। इस बैठक में जेपीसी के चेयरमैन और भाजपा सांसद पीपी चौधरी ने कहा कि हमने अब तक महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और चंडीगढ़ में वहां की सरकार और अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ बातचीत की है। हम पक्ष और विपक्ष सबके सुझाव लेना चाहते हैं, जिससे सबके बारे में जानकारी हो सके। उल्लेखनीय है कि पिछले साल दिसंबर महीने के दौरान ही ‘एक देश-एक चुनाव’ का बिल संसद में पास हो गया था। जानकारों की मानें, तो सरकार इसे 2029 से लागू करने की तैयारी कर रही है। यह संविधान का 129वां संशोधन था।