सिरसा।(सतीश बंसल)। अखिल भारतीय अरोड़ा एकता परिवार की किन्नर समाज की ज्यादतियों के प्रति चलाई गई मुहिम आखिरकार रंग लाई है। अहम बात यह है कि अब से पूर्व किन्नर समाज बददुआओं का भय दिखाकर अधिकांश परिवारों से मनमाना नजराना लेता आया था, मगर किन्नर समाज के इस रवैये के खिलाफ अरोड़ा एकता परिवार ने संघर्ष किया और अंतत: किन्नर समाज को ज्यादतियां न करने पर विवश कर दिया। स्थितियां ये हैं कि अब किन्नर समाज ने परिवार को लिखित में आश्वासन दिया है कि वे श्रद्धापूर्वक दी गई राशि अथवा उपहार को ही स्वीकारेंगे और किसी प्रकार की कोई ज्यादती नहीं होगी
लंबे समय से चले आ रहे इस अहम मुद्दे पर सोमवार को थाना शहर में अरोड़ा एकता परिवार व किन्नर समाज के बीच बैठक हुई। पुलिस उपनिरीक्षक संदीप कुमार ने अरोड़ा एकता परिवार व किन्नर समाज के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया जिसमें अखिल भारतीय अरोड़ा एकता परिवार की ओर से अध्यक्ष भारतभूषण ऐलावादी, मुख्य संरक्षक सुरेंद्र मोहन खुराना, कार्यकारी प्रधान राजेश बांगा, प्रधान महासचिव सतीश सचदेवा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव मुंजाल, संगठन सचिव सतीश चुचरा तथा युवाध्यक्ष ऋषि ऐलावादी शामिल हुए जबकि किन्नर समाज की ओर से महक महंत, बंटी महंत तथा टीना महंत शामिल हुए। परिवार के अध्यक्ष भारत भूषण ऐलावादी ने अरोड़ा समाज के पक्ष में कहा कि अरोड़ा समाज के किसी भी खुशी के मौके के उपरांत किन्नर समाज के अचानक आने से उस परिवार को काफी मुश्किलें पेश आती हैं, वे न तो किसी आसपड़ोस व रिश्तेदारों को बुला सकते हैं तथा न ही किन्नर समाज द्वारा मांगे जाने वाले महंगे नजराने के अनुरूप व्यवस्था कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि खुशी के मौके पर किन्नर समाज की ओर से बधाई के रूप में जिस भारी भरकम राशि की मांग की जाती है, संबंधित परिवार अपनी हैसियत से बाहर जाकर उधार लेकर किन्नर समाज को नजराना देने पर विवश होता है। उस उपहार अथवा नजराने की एवज में संबद्ध परिवार लंबे समय तक उधार ली गई राशि को चुकाने पर मजबूर होता है। यदि संबद्ध परिवार अपनी किसी आर्थिक मजबूरी का हवाला देता है तो किन्नर समाज उनसे अमर्यादित व्यवहार करता है जिससे सामाजिक लज्जा से मजबूर होकर अरोड़ा परिवार को उनकी अनचाही मांगों को मानना पड़ता है। इन विवशताओं के बोझ तले दबे परिवार ने आखिकर इस आर्थिक अत्याचार के खिलाफ खड़ा होने का निर्णय लिया और आखिरकार किन्नर समाज को केवल श्रद्धानुसार ही उपहार लेने पर सहमत होना पड़ा।
किन्नर समाज की ओर से मौजूद महक मंहत, बंटी महंत तथा टीना मंहत ने बताया कि वे अरोड़ा समाज का बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने अरोड़ा एकता परिवार को विश्वास दिलाया कि भविष्य में किन्नर समाज के लोग, अरोड़ा समाज के परिवार के घरों में आने से पूर्व सूचना देंगे तथा पूर्व निर्धारित समय पर ही उनके घरों पर जाएंगे। उन्होंने स्वीकार किया कि खुशी के मौकों पर बधाई की राशि या तो अरोड़ा परिवार से उनकी इच्छा के अनुरूप या अखिल भारतीय अरोड़ा एकता परिवार द्वारा निर्धारित राशि ही ली जाएगी। उन्होंने विश्वास दिलाया कि किसी भी परिस्थिति में अरोड़ा समाज के साथ अमर्यादित व्यवहार नहीं किया जाएगा।
पुलिस उपनिरीक्षक संदीप कुमार ने बताया कि उन्हें इस बात की खुशी र्है कि अखिल भारतीय अरोड़ा एकता परिवार व किन्नर समाज में लिखित सहमति बन गई है। उन्होंने दोनों समाज को एक साथ मिलकर खुशी से रहने का परामर्श दिया।