रूपनगर : भाखड़ा डेम में लगातार बढ़ रहे पानी के स्तर को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। जिला मजिस्ट्रेट वरजीत वालिया ने जिले के सभी नदियों, नहरों और सूइयों में नहाने और किनारों पर घूमने पर पूर्ण पाबंदी लगाने के आदेश जारी किए हैं। यह फैसला जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि मानसून के मौसम में इन जल स्रोतों में पानी का स्तर अचानक बढ़ने की संभावना रहती है, जिससे जानलेवा दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।
क्या है खतरा?
गर्मी और मानसून के दौरान लोग गर्मी से राहत पाने के लिए नदियों और नहरों में नहाने जाते हैं। लेकिन इस समय पहाड़ों पर भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण भाखड़ा डेम में पानी का स्तर तेज़ी से बढ़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड द्वारा सतलुज दरिया और अन्य नदियों और नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से लोगों के लिए इन जल स्रोतों में नहाना और किनारे पर घूमना अत्यधिक जोखिमपूर्ण हो सकता है।
क्या आदेश दिए गए हैं?
वरजीत वालिया ने कहा कि जिले के सभी जल स्रोतों में नहाने और किनारे पर घूमने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जा रही है। यह आदेश 30 अगस्त 2025 तक लागू रहेगा। इस आदेश के तहत, सतलुज दरिया, अन्य नदियाँ, नहरें और सूइयाँ, जहां पानी का स्तर अचानक बढ़ सकता है, उन सभी स्थानों पर पाबंदी लागू रहेगी।
लोगों की सुरक्षा के लिए अहम कदम
डीसी ने इस पाबंदी को लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम बताया और कहा कि इस समय जल स्रोतों में नहाना या वहां जाना जानलेवा हो सकता है। उन्होंने अपील की कि लोग इन जल स्रोतों से दूर रहें और प्रशासन द्वारा दी गई हिदायतों का पालन करें।
लोगों से अपील
जिला प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे इस पाबंदी का सम्मान करें और अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए प्रशासन की ओर से जारी किए गए निर्देशों का पालन करें। यह कदम जिलेवासियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके।