हैदराबाद। तेलुगु फिल्म जगत में प्रसिद्ध संगीत निर्देशक एम एम कीरावनी के पिता एवं प्रसिद्ध गीतकार एवं लेखक शिवशक्ति दत्ता के निधन से फिल्म जगत में शोक की लहर फैल गयी है। श्री दत्ता का कल यहां मनिकोंडा स्थित उनके निवास पर निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। कोडुरी सुब्बाराव नाम से जाने जाने वाले श्री दत्ता बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्हें बचपन से ही कला से गहरा लगाव था।
उन्होंने मुंबई में ललित कला की पढ़ाई की जहां उन्होंने चित्रकारी में अपने कौशल को निखारा और शुरुआत में ‘कमलेश’ के छद्म नाम से काम किया। हालाँकि संगीत और कहानी के प्रति उनके प्रेम ने उन्हें अंतत: सिनेमा की दुनिया में ले आई। अपने भाई सुप्रसिद्ध पटकथा लेखक विजयेंद्र प्रसाद के साथ मिलकर काम करते हुए श्री दत्ता ने एक लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाई। उन्हें 1988 की फि़ल्म जानकी रामुडु से बड़ा ब्रेक मिला जिसने तेलुगु सिनेमा में उनके उल्लेखनीय करियर की शुरुआत की। उन्होंने कई यादगार गीत और पटकथाएं लिखीं, जिन्होंने दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी। उनके सबसे बेहद लोकप्रिय हुए गीतों में बाहुबली से ममताला थल्ली और धीवरा, बाहुबली दो से साहोरे बाहुबली, आरआरआर से रामम राघवम और कई अन्य गाने शामिल हैं। उनके निधन की खबर तेलुगु फिल्म जगत में फैलते ही फिल्मी हस्तियों, प्रशंसकों और लेखकों के संगठनों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने उस शख्सियत को याद किया जिसके योगदान ने तेलुगु सिनेमा को समृद्ध किया। श्री दत्ता की विरासत उनके अविस्मरणीय और उनकी भावनात्मक गीतों के माध्यम से जीवित है।