कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर गाजा में युद्ध के परिणामों को लेकर “इनकार” करने का आरोप लगाया है। मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई है। अल्बानीज़ ने सोमवार को घोषणा की कि उनका देश सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फ़िलिस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता देगा। ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा का भी इस मामले में यही रूख है। अल्बानीज़ ने कहा कि इज़राइली सरकार के अपने वादों को पूरा नहीं करने के प्रति निराशा ने इस कदम को प्रेरित करने में भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई “हत्या और हिंसा के चक्र को रुकते देखना चाहते हैं”। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में युद्ध समाप्त करने के बढ़ते दबाव का सामना कर रहे इज़राइल ने कहा है कि फ़िलिस्तीन को मान्यता देना “आतंकवाद को पुरस्कृत” करने जैसा है। नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलिया और अन्य सहयोगियों द्वारा लिए गए इस आशय के फैसले को “शर्मनाक” बताया है।
गौरतलब है कि गाजा में भुखमरी की खबरों को लेकर नेतन्याहू और उनकी सरकार की बढ़ती निंदा हो रही है। हमास नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कुपोषण से पांच लोगों की मौत हो गई है, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है। इसके साथ ही कुपोषण से मरने वालों की कुल संख्या 222 हो गई है जिनमें 101 बच्चे शामिल हैं।
इज़राइल ने गाज़ा में भुखमरी से इनकार किया है और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों पर सीमाओं पर सहायता न लेने और उसे नहीं पहुंचाने का आरोप लगाया है। संयुक्त राष्ट्र ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि इज़राइल-नियंत्रित सीमा क्षेत्रों से सहायता एकत्र करने में उसे बाधाओं और देरी का सामना करना पड़ रहा है। अल्बानीज़ ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया से बात करते कहा कि उन्होंने पिछले गुरुवार को प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात करके उन्हें फिलिस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने के ऑस्ट्रेलिया के फैसले से अवगत कराया था।
उन्होंने कहा, “हमने सहायता रोके जाने और फिर उन सहायता वितरण केंद्रों के आसपास जान-माल की हानि देखी है, जहाँ भोजन और पानी के लिए कतार में खड़े लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।” अल्बानीज ने कहा “मैंने प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात की। उन्होंने मुझे वही बात दोहराई जो उन्होंने सार्वजनिक रूप से कही थी और वह निर्दोष लोगों पर पड़ने वाले किसी तरह के परिणामों को नकार रहे हैं।”
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने पहले कहा था कि फ़िलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का फ़ैसला फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) से यह वादा मिलने के बाद लिया गया था कि हमास भविष्य में किसी भी राज्य में कोई भूमिका नहीं निभाएगा। फिलिस्तीनी प्राधिकरण इज़राइल के कब्ज़े वाले पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों को नियंत्रित करता है। इस कदम पर ऑस्ट्रेलिया में मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है, ऑस्ट्रेलियाई यहूदी परिषद की कार्यकारी परिषद ने इसे “विश्वासघात” कहा है, और कुछ फ़िलिस्तीनी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है।