कंबोडिया में साइबर फ्रॉड और ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी गिरोहों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। इस कार्रवाई में 3,075 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें 105 भारतीय नागरिक भी शामिल हैं । कंबोडिया पुलिस ने यह अभियान देश के कई इलाकों में एक साथ चलाया और आरोपियों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर ठगी के नेटवर्क चलाने का आरोप है।
कैसे काम करता था ये गिरोह?
‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम में जालसाज लोगों को फोन कॉल या ऑनलाइन चैट के जरिए धमकाते थे कि उनका बैंक खाता, पासपोर्ट या डिजिटल डेटा किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल है। इसके बाद डराकर उनसे मोटी रकम ऐंठी जाती थी। गिरोह के सदस्य खुद को इंटरपोल, पुलिस या कस्टम अधिकारी बताकर लोगों को वीडियो कॉल पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ करने की धमकी देते थे।
कई देशों के नागरिक शामिल
कंबोडिया पुलिस के मुताबिक इस गैंग में चीन, वियतनाम, म्यांमार और भारत समेत कई देशों के लोग शामिल थे। पिछले कुछ सालों में कंबोडिया में ऐसे फ्रॉड कॉल सेंटर तेजी से पनपे हैं, जहां से दुनियाभर में लोगों को शिकार बनाया जाता था।
भारतीय दूतावास कर रहा मदद
105 भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद भारतीय दूतावास कंबोडिया प्रशासन के संपर्क में है। भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि निर्दोष भारतीयों की रिहाई के लिए कानूनी मदद दी जाएगी और परिवारों से भी संपर्क किया जा रहा है। कंबोडियाई पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार लोगों को देश की साइबर अपराध से जुड़ी कड़ी धाराओं में मुकदमा झेलना पड़ेगा। जांच एजेंसियां इनसे इंटरनेशनल नेटवर्क और हवाला ट्रांजेक्शन के सुराग भी जुटा रही हैं।