प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु के थूथुकुडी में 4800 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित किया। विभिन्न क्षेत्रों में ऐतिहासिक परियोजनाओं की एक यह श्रृंखला क्षेत्रीय संपर्क को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी, लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ावा देगी, स्वच्छ ऊर्जा अवसंरचना को मजबूत करेगी, तथा तमिलनाडु के नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगी।
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने चार दिवसीय विदेश यात्रा के बाद भगवान रामेश्वर की पावन भूमि पर सीधे पहुंचने पर अपने सौभाग्य का उल्लेख किया। उन्होंने विदेश यात्रा के दौरान भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच हुए ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर प्रकाश डाला। इस घटनाक्रम को भारत में बढ़ते वैश्विक विश्वास और राष्ट्र के नए आत्मविश्वास का प्रतीक बताते हुए, उन्होंने कहा कि यही आत्मविश्वास एक विकसित भारत और एक विकसित तमिलनाडु के निर्माण को गति देगा। उन्होंने आगे कहा कि भगवान रामेश्वर और भगवान तिरुचेंदूर मुरुगन के आशीर्वाद से, तूतीकोरिन में विकास का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “तमिलनाडु को विकास के शिखर पर पहुंचाने के लिए 2014 में शुरू किए गए मिशन का तूतीकोरिन आज भी साक्षी है।”
फरवरी 2024 में वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल की आधारशिला रखने को याद करते हुए, पीएम मोदी ने उस यात्रा के दौरान सैकड़ों करोड़ रुपए की कई परियोजनाओं के उद्घाटन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले साल फरवरी में मैंने यहां ‘वी.ओ. चिदम्बरनार पोर्ट’ के लिए ‘आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल’ का शिलान्यास किया था। उस समय सैकड़ों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन भी हुआ था। सितंबर में मैंने नए तूत्-कुडी इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल का लोकार्पण किया था। आज एक बार फिर, यहाँ 48,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इनमें एयरपोर्ट, हाइवेज, पोर्ट्स और रेलवेज़ के प्रोजेक्ट्स हैं, और पावर सेक्टर से जुड़े अहम पहल भी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि थूथुकुडी हवाई अड्डे पर नए उन्नत टर्मिनल का उद्घाटन इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि ₹450 करोड़ की लागत से निर्मित यह टर्मिनल अब सालाना 20 लाख से ज़्यादा यात्रियों की क्षमता रखता है, जबकि पहले इसकी क्षमता सिर्फ़ 3 लाख यात्रियों की थी। उन्होंने बताया कि राज्य भर में निर्बाध कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए हवाई अड्डों, राजमार्गों और रेलवे को एकीकृत करने के प्रयास चल रहे हैं।
पीएम मोदी ने तमिलनाडु में दो प्रमुख सड़क परियोजनाओं को जनता को समर्पित करने की घोषणा की। लगभग ₹2,500 करोड़ की लागत से विकसित ये सड़कें दो प्रमुख विकास क्षेत्रों को चेन्नई से जोड़ने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। पीएम मोदी ने कहा कि तमिलनाडु के दो मेजर रोड प्रोजेक्ट्स को भी जनता को समर्पित किए। करीब 2500 करोड़ रुपये से बनी ये रोड्स, दो मेजर डेवलपमेंट एरिया को चेन्नई से जोड़ने जा रही हैं। इन रोड्स की वजह से डेल्टा जिलों से चेन्नई की कनेक्टिविटी और बेहतर हुई है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमने तमिलनाडु में जिन रेलवे प्रोजेक्ट्स को डेडिकेट किया है, उनसे दक्षिण तमिलनाडु के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा। मदुरै से बोडि-नायक्कनूर इस लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन होने के बाद अब यहां वंदे भारत जैसी ट्रेन्स चलाने का रास्ता खुल गया है। ये रेलवे प्रोजेक्ट्स, तमिलनाडु की स्पीड को और इसके डेवलपमेंट स्केल, दोनों को एक नई शक्ति देने जा रहे हैं।
इस बात पर जोर देते हुए कि सड़क परियोजनाओं से थूथुकुडी बंदरगाह तक सम्पर्क में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, पीएम मोदी ने कहा कि इन विकासों से पूरे क्षेत्र के निवासियों के लिए जीवनयापन में आसानी होगी तथा व्यापार और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु का विकास और विकसित तमिलनाडु का विजन केंद्र सरकार की मुख्य प्रतिबद्धता है, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि तमिलनाडु के विकास से संबंधित नीतियों को लगातार सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इस दौरान पीएम मोदी इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले एक दशक में, केंद्र सरकार ने तमिलनाडु को विकेंद्रीकरण के माध्यम से ₹3 लाख करोड़ हस्तांतरित किए हैं, जो पिछली सरकार द्वारा वितरित राशि से तीन गुना से भी अधिक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन ग्यारह वर्षों में, तमिलनाडु को ग्यारह नए मेडिकल कॉलेज मिले हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी सरकार ने तटीय क्षेत्रों में मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़े समुदायों के लिए इतनी समर्पित चिंता दिखाई है। पीएम मोदी ने कहा कि नीली क्रांति के माध्यम से, सरकार तटीय अर्थव्यवस्था का विस्तार कर रही है और समावेशी विकास सुनिश्चित कर रही है।