विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज मंगलवार को बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों की दिशा और विकास पर चर्चा की। इस मुलाकात के दौरान जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं संदेश भी दी। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक के तहत आयोजित की गई थी, जिसमें सभी विदेश मंत्रियों ने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की।
बैठक के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “आज सुबह बीजिंग में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं उन्हें दीं। वहीं द्विपक्षीय संबंधों में हाल के घटनाक्रमों की जानकारी दी और इस दिशा में हमारे नेताओं के मार्गदर्शन का महत्व दोहराया।” गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मई 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन की यह पहली आधिकारिक यात्रा है। वे तिआनजिन में हो रही SCO विदेश मंत्रियों की परिषद (CFM) की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
बीते सोमवार को जयशंकर ने चीन में कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और संबंधों को सामान्य करने पर बल दिया। उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अंतरराष्ट्रीय विभाग के मंत्री लियू जियानचाओ से मुलाकात कर रचनात्मक भारत-चीन संबंधों की आवश्यकता पर चर्चा की। इसके अलावा, जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में उन्होंने सीमा से जुड़े मुद्दों को शांतिपूर्वक सुलझाने, जन-से-जन संपर्क को सामान्य बनाने और व्यापार में अनावश्यक रुकावटें हटाने की बात कही। उन्होंने कहा कि “आपसी सम्मान, हित और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है।”
विदेश मंत्री ने चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात की और कहा कि भारत-चीन संबंधों का आगे सामान्य होना दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि आज की जटिल वैश्विक स्थिति में भारत और चीन जैसे बड़े पड़ोसी देशों के बीच खुला संवाद बेहद जरूरी है। जयशंकर ने भारत-चीन के बीच कूटनीतिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कैलाश मानसरोवर यात्रा की फिर से शुरुआत का स्वागत किया, जिसे 2020 से महामारी और सीमा तनाव के कारण स्थगित कर दिया गया था।
SCO की यह विदेश मंत्रियों की बैठक उस प्रमुख सम्मेलन से पहले हो रही है, जिसमें इस वर्ष तिआनजिन में SCO के 25वें राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की बैठक आयोजित होगी। भारत ने 2023 में SCO की अध्यक्षता की थी। SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी संगठन है, जिसमें भारत, चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान, ईरान और बेलारूस शामिल हैं। इस संगठन का उद्देश्य आतंकवाद विरोध, सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देना है। पिछले कुछ महीनों में भारत ने SCO की बैठकों में सक्रिय भागीदारी की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने जून में चीन का दौरा कर सुरक्षा और क्षेत्रीय मुद्दों पर SCO के अंतर्गत चर्चा की थी।