रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है और देशभर के बाजार सज-धज कर तैयार हैं। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का अनुमान है कि इस बार राखी पर देशभर में लगभग ₹17,000 करोड़ का कारोबार हो सकता है, जो पिछले साल के मुकाबले 22.5% की वृद्धि है।
CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन 'देशभक्ति के रंग' में भी रंगा रहेगा। 9 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ ही 'भारत छोड़ो आंदोलन' की वर्षगांठ भी है, जिससे ‘देशप्रेम और भाई-बहन के प्रेम’ का अनोखा संगम देखने को मिलेगा।
इनोवेशन वाली राखियों की जोरदार मांग
बाजार में इस बार थीम-बेस्ड और इनोवेटिव राखियों की भरमार है — जैसे डिजिटल राखी, मोदी राखी, वंदेमातरम राखी, ऑपरेशन सिंदूर राखी और आत्मनिर्भर भारत राखी। साथ ही इको-फ्रेंडली राखियों जैसे बीज, मिट्टी, खादी, बांस और कपास से बनी राखियों की भी जबरदस्त मांग है।
हर राज्य की राखी, अपनी थीम के साथ
इस साल विभिन्न राज्यों की स्थानीय संस्कृति को दर्शाती राखियों की भी बिक्री बढ़ी है:
कोसा राखी – छत्तीसगढ़
जूट राखी – कोलकाता
खादी राखी – नागपुर
बीज राखी – पुणे
बांस राखी – झारखंड
मधुबनी राखी – बिहार
इनमें से कई राखियां स्थानीय महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की गई हैं, जिससे महिला सशक्तिकरण और लोकल आर्ट को प्रोत्साहन मिल रहा है।
गिफ्ट, मिठाइयों पर ₹4,000 करोड़ से ज्यादा की उम्मीद
इस बार केवल राखियों की नहीं, बल्कि गिफ्ट आइटम, मिठाइयां और फल जैसे रक्षाबंधन से जुड़े उत्पादों पर भी ₹4,000 करोड़ से ज्यादा के कारोबार का अनुमान है।