अनिल अंबानी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सेबी ने उनकी उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने यस बैंक में किए गए निवेश की जांच बंद करने की मांग की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब उन पर कम से कम 1,828 करोड़ रुपए का जुर्माना लग सकता है। मामला 2016 से 2019 के बीच रिलायंस म्यूचुअल फंड द्वारा यस बैंक के एडिशनल टियर-1 बॉन्ड में किए गए ₹21.5 अरब के निवेश से जुड़ा है।
सेबी की जांच में सामने आया कि यह निवेश, यस बैंक से अंबानी ग्रुप की अन्य कंपनियों को दिए गए कर्ज के बदले किया गया था। 2020 में यस बैंक संकट में आने के बाद यह रकम डूब गई, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। हालांकि 2019 में रिलायंस म्यूचुअल फंड निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस को बेच दिया गया था लेकिन आरोप उस समय के हैं जब कंपनी अंबानी के नियंत्रण में थी।
समझौता प्रस्ताव भी रिजेक्ट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अनिल अंबानी, उनके बेटे जय अनमोल अंबानी और यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर ने बिना गलती माने समझौता करने की पेशकश की थी, जिसे सेबी ने 7 जुलाई को ठुकरा दिया। अब सेबी अंबानी और उनके बेटे को प्रभावित निवेशकों को मुआवजा देने और जुर्माना भरने का आदेश दे सकती है।
ईडी की जांच भी जारी
यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी भेजा गया है, जो पहले से ही अंबानी ग्रुप और यस बैंक के बीच हुए वित्तीय लेन-देन की जांच कर रहा है। पिछले महीने ईडी ने ₹3,000 करोड़ के कथित लोन घोटाले में अंबानी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी।