भारत सरकार की महत्वाकांक्षी ग्रामीण विकास योजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) ने गाँवों की कनेक्टिविटी और जीवन स्तर को नई दिशा दी है। अगस्त 2025 तक इस योजना के अंतर्गत 1,91,282 ग्रामीण सड़कों (8,38,611 किमी) और 12,146 पुलों को मंजूरी दी गई है। इनमें से 1,83,215 सड़कें (7,83,727 किमी) और 9,891 पुलों का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है।
सतत और गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण
सड़कों का निर्माण सख़्त तकनीकी मानकों के अनुसार किया गया है, जिसमें थ्री-टियर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लागू है। अब तक 1,66,694 किमी सड़क लंबाई नई और हरित तकनीकों से स्वीकृत की गई है, जिसमें से 1,24,688 किमी सड़कों का निर्माण संपन्न हो चुका है। यह पर्यावरण-संवेदनशील और टिकाऊ विकास का उदाहरण है।
सामाजिक बदलाव की मिसाल: मण्डला का बारबसपुर और कुरला गाँव
मध्यप्रदेश के मण्डला ज़िले के बारबसपुर और कुरला गाँव हर मानसून में बाढ़ से कट जाते थे। 2018–19 में PMGSY-I के तहत 181.86 लाख रुपये की लागत से सात स्पैन वाला पुल स्वीकृत हुआ। पुल बनने से अब करीब 2,000 ग्रामीण (अधिकांश SC/ST समुदाय) अस्पताल, स्कूल और बाज़ार से जुड़े हुए हैं। परियोजना के दौरान प्रवासी मज़दूरों को प्रशिक्षण और रोज़गार मिला, जिससे लगभग 3,000 कार्य-दिवसों का सृजन हुआ। यह पुल अब इन गाँवों की जीवनरेखा है।
योजना के चरण और प्रगति
PMGSY-I (2000): अब तक 1,63,339 बस्तियों में से 1,62,818 (99.7%) को सड़क से जोड़ा गया।
PMGSY-II (2013): मौजूदा ग्रामीण सड़कों के उन्नयन पर ज़ोर।
RCPLWEA (2016) : 9 राज्यों के 44 नक्सल प्रभावित ज़िलों में सड़क निर्माण।
PMGSY-III (2019): 1,25,000 किमी सड़कों के उन्नयन का लक्ष्य, जिससे 1.38 लाख कृषि बाज़ार, 1.46 लाख शिक्षा केन्द्र और 82,000 चिकित्सा केन्द्र जुड़े।
PMGSY-IV (2024): 25,000 असंबद्ध बस्तियों तक सड़क पहुँचाने का लक्ष्य। कुल 62,500 किमी सड़क, 70,125 करोड़ रुपये की लागत से 2028–29 तक पूरी की जाएगी।
बजट और हरित तकनीक
वित्तीय वर्ष 2025–26 में योजना के लिए 19,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। निर्माण में फ्लाई ऐश, प्लास्टिक वेस्ट, क्रम्ब रबर, स्लैग जैसे हरित व पुनर्चक्रण योग्य पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है।
तकनीकी नवाचार और निगरानी
OMMAS (Online Management, Monitoring and Accounting System): वास्तविक समय पर प्रगति और गुणवत्ता की निगरानी।
e-MARG : सड़क रखरखाव के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म।
GPS ट्रैकिंग: 2022 से सभी निर्माण वाहनों पर अनिवार्य।
थ्री-टियर क्वालिटी मॉनिटरिंग: फील्ड जांच, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आकस्मिक निरीक्षण।
समावेशी विकास और विशेष अभियान
PMGSY-IV को धर्ति आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DA-JGUA), प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (PM-AJAY) और प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (PM-JANMAN) से जोड़ा गया है। विशेषकर PVTG समुदायों के 2,636 गाँवों को जोड़ने हेतु 6,506 किमी सड़क स्वीकृत की गई है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भारत की ग्रामीण परिवर्तन रणनीति की आधारशिला है। इसने न केवल गाँवों को बाज़ार, स्कूल, स्वास्थ्य सेवाओं और रोज़गार से जोड़ा है, बल्कि महिलाओं, युवाओं और वंचित समुदायों को नई संभावनाएँ भी दी हैं। हरित तकनीकों, कठोर गुणवत्ता नियंत्रण और समावेशी दृष्टिकोण के साथ यह योजना सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में भारत की बड़ी उपलब्धि है।