अमृता अस्पताल, फरीदाबाद ने महज़ एक साल के भीतर 100 से अधिक रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी पूरी कर एक अहम मुकाम हासिल किया है। इस अस्पताल में विश्व-प्रसिद्ध Mako Robotic System की शुरुआत सितंबर 2024 में की गई थी और आज यह अस्पताल फरीदाबाद का पहला मेडिकल सेंटर बन गया है जो टोटल नी, पार्टियल नी और टोटल हिप रिप्लेसमेंट जैसी अत्याधुनिक रोबोटिक तकनीक प्रदान करता है।
पिछले छह दशकों में जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी ने लंबा सफर तय किया है—साधारण इम्प्लांट डिज़ाइन से लेकर 1990 के दशक की कंप्यूटर-असिस्टेड सर्जरी तक, और अब रोबोटिक्स जिसने पूरी दुनिया में नया स्वर्णिम मानक स्थापित किया है।
अमृता हॉस्पिटल द्वारा लाई गई Mako तकनीक ने कम समय में ही फरीदाबाद की आर्थोपेडिक सर्जरी को नई दिशा दी है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के बदौलत अस्पताल ने न सिर्फ यह तकनीक शुरू की, बल्कि फरीदाबाद में पहली बार Mako रोबोटिक-असिस्टेड नी और हिप रिप्लेसमेंट भी किया।
डॉ. साहिल गाबा जो प्रमुख है अर्थोप्लास्टी और रोबोटिक सर्जरी के उन्होंने कहा कि , “रोबोटिक्स जॉइंट रिप्लेसमेंट में गेम-चेंजर है। Mako सिस्टम हर मरीज की बॉडी एनाटॉमी के अनुसार सर्जरी को कस्टमाइज़ करता है। इससे लिगामेंट बैलेंसिंग में सटीकता मिलती है और रिज़ल्ट ऐसा होता है कि नया जोड़ प्राकृतिक लगता है—दर्द कम, मूवमेंट तेज़ और जीवन में जल्दी वापसी।”
अंतरराष्ट्रीय शोध से साबित फायदे:
• सर्जरी में अत्यधिक शुद्धता और बोन कट की सटीकता
• न्यूनतम टिश्यू डैमेज और बेहतर डिफॉर्मिटी करेक्शन
• कम दर्द और सूजन
• कुछ ही दिनों में सहारे के बिना चलना संभव
• लिगामेंट बैलेंसिंग के कारण अधिक नैचुरल जॉइंट फंक्शन
74 वर्षीय सुरेंद्र पाल लांबा, फरीदाबाद निवासी, ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि सर्जरी से पहले थोड़ी दूरी चलना भी मुश्किल था। ऑपरेशन के कुछ दिन बाद ही मैं बिना सहारे चलने लगा। ऐसा लगता है जैसे मैंने अपनी आज़ादी और जीवन वापस पा लिया हो।
इस उपलब्धि के साथ इस तरह की अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी ने साबित किया कि मरीजों को ना केवल बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दी जा सकती है बल्कि किफ़ायती भी है।