गाजा पट्टी में इस वक्त भुखमरी जैसे हालात हैं। लाखों लोग रोजाना राहत सामग्री के लिए लाइन में लगते हैं, बच्चों को दो वक्त का खाना नसीब नहीं है, बूढ़े भूख से दम तोड़ रहे हैं। लेकिन इस त्रासदी के बीच हमास के लड़ाके अपने ठिकानों में आराम से बैठे भरपेट खाना खा रहे हैं, महंगे हथियारों और गोला-बारूद के बीच जश्न मना रहे हैं।इजरायल के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में सोशल मीडिया साइट X (पहले ट्विटर) पर ऐसी तस्वीरें और वीडियो जारी किए हैं जिन्होंने पूरी दुनिया का ध्यान फिर से गाजा पर खींच लिया है।
बंधक भूखा, हमास मजबूत!
इजरायल ने एक तस्वीर शेयर की जिसमें एक इजरायली बंधक एव्यातार डेविड की हालत देखकर किसी का भी दिल कांप जाए। उसका शरीर हड्डियों का ढांचा बन चुका है। उसकी पसलियां और हाथ-पैर सूखकर कांटे हो गए हैं। लेकिन इसी तस्वीर में उसके साथ खड़ा हमास का एक लड़ाका तंदरुस्त, हष्ट-पुष्ट और अच्छी खुराक वाला नजर आता है। इजरायल ने इस तस्वीर के साथ लिखा - ‘एव्यातार डेविड के हाथ देखिए एक इजरायली बंधक, जो भूख से मरने की कगार पर है। और अब देखिए उसे कैद करने वाले हमास लड़ाके का हाथ मजबूत, सेहतमंद और खाने की कमी से दूर।’
बंधक खुद खोद रहा अपनी कब्र
इजरायल ने एव्यातार डेविड के कुछ वीडियो भी पोस्ट किए हैं। एक वीडियो में डेविड गड्ढा खोद रहा है और खुद कहता है कि ‘ये गड्ढा मेरी कब्र है’। एक दूसरी तस्वीर में वो दीवार पर कुछ लिखता नजर आता है, जहां उसके पीछे हमास के लड़ाके मस्ती में खाना खाते दिखते हैं। ये तस्वीरें साफ कहती हैं कि गाजा में इंसानों की जान की कोई कीमत नहीं है, सिर्फ हथियार और सत्ता की भूख है।
हमास के ठिकानों पर खाने-पीने की कमी नहीं
गाजा पट्टी पर 2007 से हमास का कंट्रोल है। अक्टूबर 2023 में हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया था जिसमें 1,200 से ज्यादा लोग मारे गए और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया गया। इसी के जवाब में इजरायल ने गाजा की पूरी घेराबंदी कर दी। राहत सामग्री, खाने-पीने का सामान, दवाइयां सब कुछ रोक दिया गया।
अब गाजा के आम लोग टेंटों में रह रहे हैं। खाने का एक बोरा या पानी की एक बोतल पाने के लिए घंटों लाइन लगानी पड़ती है। लेकिन इस भयानक संकट के बीच हमास के ठिकानों पर खाने-पीने की कमी नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय मदद पर हमास का कब्जा
कई रिपोर्ट में दावा हुआ है कि जो भी अंतरराष्ट्रीय मदद आती है उसे हमास अपने कब्जे में ले लेता है। हथियार खरीदने और लड़ाकों को खिलाने में वही राहत सामग्री खपाई जा रही है। राहत एजेंसियों के मुताबिक, गाजा में 90% आबादी विस्थापित है और कुपोषण का स्तर खतरनाक हद तक पहुंच चुका है। लेकिन हमास के नेता और लड़ाके खुलेआम दिखावे के लिए इंटरव्यू देते हैं, जबकि अंदरूनी ठिकानों पर मौज काटते हैं।
गाजा में परिवार दिन में सिर्फ एक बार खाना खा रहे
इजरायल की सख्त नाकेबंदी और सैन्य कार्रवाई को लेकर कई मानवाधिकार संगठन उस पर भी सवाल उठा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि गाजा में अकाल जैसे हालात बन चुके हैं। लेकिन नाकेबंदी के चलते राहत एजेंसियों के ट्रक सीमाओं पर फंसे रहते हैं या कई बार इजरायली हमलों में तबाह हो जाते हैं। गाजा में कई परिवार दिन में सिर्फ एक बार खाना खा पा रहे हैं। बच्चों को दूध नहीं मिल रहा। अस्पतालों में दवाइयां खत्म हो गई हैं। दूसरी तरफ हमास के ठिकानों पर विदेशी पत्रकारों के पहुंचने पर सब कुछ छिपा दिया जाता है। लेकिन इजरायल का दावा है कि इन तस्वीरों ने असली चेहरा सामने ला दिया है कि आखिर गाजा में असली भूखा कौन है आम जनता या हथियारों से लैस हमास?