हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन और भारतीय मूल के ब्रिटिश अरबपति गोपीचंद हिंदुजा का 85 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने लंदन के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह पिछले कई हफ्तों से बीमार चल रहे थे। बिजनेस जगत में उन्हें प्यार से ‘जीपी हिंदुजा’ कहा जाता था। उनके निधन की पुष्टि ब्रिटिश हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य रामी रेंजर ने की। उन्होंने कहा कि “जीपी हिंदुजा बहुत दयालु, विनम्र और वफादार मित्र थे। उनके जाने से एक युग का अंत हो गया है।”
ब्रिटेन के सबसे अमीर व्यक्ति रहे हिंदुजा
गोपीचंद हिंदुजा मई 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद ग्रुप के चेयरमैन बने थे। हाल ही में उन्होंने और उनके परिवार ने ब्रिटेन की ‘संडे टाइम्स रिच लिस्ट 2025’ में शीर्ष स्थान हासिल किया था। इस सूची के अनुसार, हिंदुजा परिवार की कुल संपत्ति 33,67,948 करोड़ रुपए आंकी गई थी। वहीं, फोर्ब्स की रियल टाइम नेटवर्थ के अनुसार, मंगलवार तक परिवार की संपत्ति 20.6 अरब डॉलर (लगभग 1,82,668 करोड़ रुपए) थी।
दुनियाभर में फैला कारोबार
हिंदुजा ग्रुप एक विशाल बहुराष्ट्रीय समूह है, जो ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, केमिकल, ऊर्जा, मीडिया और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में काम करता है। ग्रुप का भारत और दुनिया भर में गहरा प्रभाव है। गोपीचंद हिंदुजा के नेतृत्व में समूह ने कई बड़े अधिग्रहण किए, जिनमें 1984 में गल्फ ऑयल और 1987 में अशोक लेलैंड की खरीद शामिल है- जो भारत में किसी एनआरआई द्वारा किया गया पहला बड़ा निवेश माना जाता है।
शिक्षा और सम्मान
गोपीचंद हिंदुजा ने 1959 में मुंबई के जय हिंद कॉलेज से स्नातक किया था। उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिंस्टर से मानद डॉक्टरेट ऑफ लॉ और रिचमंड कॉलेज, लंदन से मानद डॉक्टरेट ऑफ इकोनॉमिक्स की उपाधि मिली थी।
परिवार और विरासत
गोपीचंद लंदन में रहते थे, जबकि उनके छोटे भाई प्रकाश हिंदुजा मोनाको में और अशोक हिंदुजा मुंबई से भारत में कंपनी के कारोबार को संभालते हैं। परिवार के पास लंदन में कई ऐतिहासिक संपत्तियां हैं, जिनमें व्हाइटहॉल स्थित ‘ओल्ड वॉर ऑफिस बिल्डिंग’ में बना रैफल्स लंदन होटल भी शामिल है। उनके निधन से न केवल भारत और ब्रिटेन, बल्कि पूरे वैश्विक व्यापार जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।