Saturday, July 12, 2025
BREAKING
मंत्री तरुणप्रीत ने तलवाड़ा बस स्टैंड के नवीनीकरण का आश्वासन दिया CM मान का PM मोदी से सवाल: "ऐसे देशों की यात्रा क्यों करनी जिनके बारे में किसी ने सुना ही नहीं?" Himachal Bus Accident: पंजाब से श्रद्धालुओं को लेकर लाैट रही निजी बस खाई में गिरी, 26 घायल, बिलासपुर के नम्होल में हुआ हादसा मंत्री हरपाल चीमा ने बीबीएमबी में सीआईएसएफ तैनात करने के प्रस्ताव की कड़ी निंदा की पंजाब विधानसभा में बीबीएमबी के बांधों पर सीआईएसएफ की तैनाती के खिलाफ प्रस्ताव पारित पंजाब विधानसभा ने दो शैक्षणिक संस्थानों को विश्वविद्यालय का दर्जा देने वाले विधेयकों को सर्वसम्मति से पारित किया Vidhansabha Session: पानी के मुद्दे पर गरजे CM मान, टैक्स पर भी कही बड़ी बात मनजिंदर सिंह सिरसा ने अमन अरोड़ा को भेजा कानूनी नोटिस बठिंडा में नहर टूटने से घरों में घुसा पानी, लोगों को खाली करने पड़े घर "मेरा नाम भी FIR में डालो": CM मान ने भाजपा पर पलटवार किया

राष्ट्रीय

सिक्किम ने हिमनदीय आपदाओं के लिए आयोग का गठन किया

11 जुलाई, 2025 01:50 PM

सिक्किम ने हिमनदीय आपदाओं के लिए 13 सदस्यीय आयोग का गठन किया है। इसका गठन 4 अक्टूबर, 2023 को सिक्किम में हुई विनाशकारी हिमनदीय झील विस्फोट बाढ़ (जीएलओएफ) के मद्देनजर किया गया है। यह आयोग कोरोंग-कंचनजंगा झील परिसर में एक बहु-झील सुरक्षा संरचना स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है, जिसकी अंतिम सिफारिशें इस साल दिसंबर तक प्रस्तुत की जाएंगी।

इस संरचना को हिमनदीय झीलों के क्रमिक विनाश को रोकने और जलवायु-जनित आपदाओं के प्रति क्षेत्र की दीर्घकालिक सहनशीलता को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया जा रहा है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अखिलेश गुप्ता की अध्यक्षता वाले इस आयोग में 13 सदस्य शामिल हैं। इनमें हिमनद विज्ञानी, जलवायु वैज्ञानिक, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी और सिक्किम वन विभाग के प्रतिनिधि हैं।

आयोग के सबसे महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों में से एक कोरोंग-कंचनजंगा झील परिसर में प्रस्तावित बहु-झील सुरक्षा प्रणाली है। इस क्षेत्र में कई परस्पर जुड़ी हिमनद झीलें हैं, यह 2023 के हिमनदीय ग्लेशियर (जीएलओएफ) से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस सुरक्षा संरचना का उद्देश्य भविष्य में, विशेष रूप से भारी हिमनद पिघलने या अत्यधिक वर्षा के दौरान, जल-प्रपातीय दरारों को रोकना है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान निदेशक धीरेन जी. श्रेष्ठ ने समाचार न्यूज़ एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा, “इस संरचना की संकल्पना केवल एक झील के लिए नहीं, बल्कि झीलों की एक ऐसी प्रणाली के लिए की जा रही है जो संचयी जोखिम पैदा करती है। यदि कोई विफलता ऊपर से शुरू होती है तो वह नीचे की ओर भी फैल सकती है। यह प्रणाली उस श्रृंखला प्रतिक्रिया को बाधित करेगी।”

हिमालय के नाज़ुक पर्यावरण को स्वीकार करते हुए श्रेष्ठ ने जोर देकर कहा कि इस क्षेत्र के लिए पारंपरिक बुनियादी ढांचा उपयुक्त नहीं हो सकता। इसके बजाय, आयोग कम प्रभाव वाली, अनुकूलनशील तकनीकों जैसे सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप, पाइपलाइन और स्वचालित डाटा संग्रह प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह उच्च-ऊंचाई वाले इलाकों के लिए बेहतर अनुकूल हैं। इन तकनीकों का उद्देश्य न्यूनतम पारिस्थितिक व्यवधान के साथ जल स्तर को सुरक्षित और स्थायी रूप से नियंत्रित करना है।

आयोग ने उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों का व्यापक क्षेत्रीय दौरा किया है। सदस्यों ने प्रभावित निवासियों, स्थानीय नेताओं और पूर्व पार्षदों से सीधे संपर्क करके जीएलओएफ के सामाजिक-पर्यावरणीय प्रभाव पर प्रत्यक्ष डाटा एकत्र किया। 28 जून को राज्य जल संरक्षण विभाग द्वारा एक प्रमुख हितधारक परामर्श आयोजित किया गया जहां राज्य सरकार, भारतीय सेना और आईटीबीपी के अधिकारियों ने तकनीकी अवलोकन साझा किए।

इस साल दिसंबर तक प्रस्तुत होने वाली अंतिम रिपोर्ट में जलवायु-जनित हिमनद आपदाओं की वैश्विक समीक्षा, शमन के लिए क्षेत्रीय रणनीतियां, नीतिगत सिफारिशें, विभिन्न हितधारकों के लिए एक भूमिका आधारित ढांचा और स्पष्ट रूप से परिभाषित वित्त पोषण तंत्र शामिल होंगे। श्रेष्ठ ने बताया कि आयोग दीर्घकालिक बुनियादी ढांचे और तैयारी कार्यक्रमों के समर्थन हेतु राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वित्त पोषण स्रोतों का भी मूल्यांकन कर रहा है। 

Have something to say? Post your comment

और राष्ट्रीय खबरें

"मेरा नाम भी FIR में डालो": CM मान ने भाजपा पर पलटवार किया

सावन के पहले दिन उज्जैन से देवघर तक उमड़ा शिवभक्तों का सैलाब, मंदिरों में गूंजे ‘हर-हर महादेव’ के जयकारे

सावन के पहले दिन उज्जैन से देवघर तक उमड़ा शिवभक्तों का सैलाब, मंदिरों में गूंजे ‘हर-हर महादेव’ के जयकारे

सीबीआई की बड़ी सफलता: यूएई से पकड़ा गया नारकोटिक्स मामले का आरोपी कुब्बावाला मुस्तफा, भारत लाया गया

सीबीआई की बड़ी सफलता: यूएई से पकड़ा गया नारकोटिक्स मामले का आरोपी कुब्बावाला मुस्तफा, भारत लाया गया

केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण शुक्रवार को ‘आईआईसीए नॉर्थ-ईस्ट कॉन्क्लेव 2025’ का करेंगी उद्घाटन

केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण शुक्रवार को ‘आईआईसीए नॉर्थ-ईस्ट कॉन्क्लेव 2025’ का करेंगी उद्घाटन

बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण में अब तक 66 प्रतिशत मतदाता कवर, 15 दिन बाकी

बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण में अब तक 66 प्रतिशत मतदाता कवर, 15 दिन बाकी

PM मोदी ने खोला नौकरियों का पिटारा, हज़ारों युवाओं को मिलेगा रोज़गार

PM मोदी ने खोला नौकरियों का पिटारा, हज़ारों युवाओं को मिलेगा रोज़गार

निजी अस्पतालों पर शिकंजा, पैसा मिले या न मिले, मौत होने पर परिजनों को सौंपनी ही होगी डेड बॉडी

निजी अस्पतालों पर शिकंजा, पैसा मिले या न मिले, मौत होने पर परिजनों को सौंपनी ही होगी डेड बॉडी

उमर अब्दुल्ला से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से की यह मांग

उमर अब्दुल्ला से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से की यह मांग

शशि थरूर ने एमरजेंसी को बताया काला अध्याय, कहा, नसबंदी अभियान था मनमाना और क्रूर फैसला

शशि थरूर ने एमरजेंसी को बताया काला अध्याय, कहा, नसबंदी अभियान था मनमाना और क्रूर फैसला

सत्ता में साझेदारी का समझौता नहीं, नेतृत्व विवाद के बीच सीएम सिद्धारमैया का बयान, कहा…पढ़ें पूरी खबर

सत्ता में साझेदारी का समझौता नहीं, नेतृत्व विवाद के बीच सीएम सिद्धारमैया का बयान, कहा…पढ़ें पूरी खबर