जालंधर : 9वीं पातशाही श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित 'शीश दिया पर सिररु न दिया' नामक यात्रा, जोकि दिल्ली के शीशगंज गुरुद्वारा साहिब से शुरू हुई थी, आज अमृतसर पहुंच गई। बता दें कि यह यात्रा आज सुबह जालंधर से अमृतसर के लिए रवाना हुई थी, जोकि देर शाम अमृतसर पहुंची। यह यात्रा 20 नवंबर को गुरू तेग बहादर साहिब जी की जन्म स्थली अमृतसर के गुरुद्वारा गुरू के महल में समाप्त होगी।
इस अनूठी और ऐतिहासिक साइकिल यात्रा का आयोजन साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. कर रहे हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य गुरू तेग बहादर साहिब जी की शहादत, करुणा, निडरता की विरासत का प्रचार-प्रसार करना है। साथ ही, वर्तमान समय में सिखों के सामने धार्मिक पहचान, धर्मांतरण, धार्मिक वेशभूषा, नशे और जातीय सफाए जैसे खड़े खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करना और समाज में शारीरिक व्यायाम, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करना है।
जी.के. ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने अपने लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए तथा हिंदू वर्ग के लिए अपने प्राणों की बलि दे दी। जी.के. ने कहा कि समाज को इस समय फिर से दिशा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के साथ साथ ड्रग्स एक बहुत बड़ी समस्या है, जो देश के भविष्य को खराब कर रही है। उन्होंने कहा कि युवा इस देश का भविष्य हैं और युवाओं को ड्रग्स में फंसाकर पूरी कौम को कमजोर किया जा रहा है।