पटना: बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। चुनाव आयोग के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, राज्य में घर-घर जाकर किए गए सर्वे के दौरान बूथ लेवल ऑफिसरों (बीएलओ) को बड़ी संख्या में ऐसे लोग मिले हैं, जो नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों से अवैध रूप से भारत आए हैं और वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने की कोशिश कर रहे थे। इन संदिग्ध नामों की अब गहन जांच की जा रही है और पहली अगस्त, 2025 के बाद जो नाम सत्यापित नहीं होंगे, उन्हें 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली अंतिम वोटर लिस्ट में शामिल नहीं किया जाएगा। माना जा रहा है कि अंतिम लिस्ट के प्रकाशन के बाद आयोग इन अवैध प्रवासियों की संख्या को सार्वजनिक कर सकता है।
इस बीच, मतदाता गणना फॉर्म भरने और आवश्यक विवरण जैसे नाम, जन्मतिथि, पता, आधार संख्या और वोटर आईडी नंबर दर्ज करने का काम तेजी से पूरा हो रहा है। आयोग के अनुसार, अब तक 80 प्रतिशत से अधिक पात्र मतदाता अपने फार्म जमा कर चुके हैं। हालांकि, आयोग ने इस प्रक्रिया की अंतिम तिथि 25 जुलाई निर्धारित की है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि उससे पहले ही यह कार्य पूर्ण हो जाएगा।
बिहार की तरह पूरे देश में वोटर लिस्ट जांची जाएंगी
नई दिल्ली। चुनाव आयोग बिहार के बाद अब पूरे देश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) कराने जा रहा है। इसके तहत वोटर लिस्ट की गहनता से जांच की जाती है और अपडेट किया जाता है। अगस्त से इसकी शुरुआत हो सकती है। चुनाव आयोग ने सभी राज्यों में
अपनी चुनाव मशीनरी एक्टिव कर दी है। आयोग का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 10 जुलाई को बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को जारी रखने की परमिशन पर आया। कोर्ट ने इसे संवैधानिक बताया था। हालांकि कई विपक्षी दल और लोग इस रिवीजन के खिलाफ हैं।
पिता-पुत्र का नाम पूछ कैसे तय हो रही नागरिकता
पटना। निर्दलीय सांसद राजेश रंजन यानी पप्पू यादव ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान विदेशी वोटरों की पहचान होने पर सवाल उठाए। चुनाव आयोग के दावे पर यादव ने तंज कसते हुए कहा कि चुनाव आयोग बिना कागजात लिए कैसे दावा कर रहा है कि कोई नेपाल या बांग्लादेश का है। अगर आधार कार्ड, राशन कार्ड या अन्य दस्तावेज हैं, तो किस आधार पर लोगों को सूची से हटाया जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि जब कोई पहचान पत्र या दस्तावेज मांगा ही नहीं जा रहा, तो केवल नाम और पिता का नाम पूछकर कैसे तय हो रहा है कि कोई विदेशी है। पप्पू यादव ने इस प्रक्रिया को गलत और संदिग्ध बताया।