नई दिल्ली: अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के क्रैश होने की शुरुआती जांच रिपोर्ट शुक्रवार रात करीब अढ़ाई बजे जारी की गई। यह रिपोर्ट एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने जारी की है। भारत सरकार की यह संस्था हवाई हादसों की जांच करती है। एएआईबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-171 कोड के साथ लंदन जाने वाले एअर इंडिया ड्रीमलाइनर ने पिछली उड़ान दिल्ली से अहमदाबाद के बीच भरी थी। उड़ान के ठीक बाद पायलट ने ‘स्ञ्ज्रक्च क्कह्रस् ङ्गष्ठष्टक्र’ नाम का तकनीकी अलर्ट दर्ज कराया था।
इस अलर्ट का मतलब है कि विमान का संतुलन बताने वाला सेंसर फेल हो सकता है। यह सेंसर बताता है कि विमान का हॉरिजेंटल स्टेबलाइजर (पिच बैलेंस बनाने वाला पिछला पंख) किस स्थिति में है। यदि यह डेटा सही न मिले, तो ऑटोपायलट, पिच कंट्रोल और स्टॉल प्रोटेक्शन जैसे अहम सिस्टम गलत कमांड दे सकते हैं। विशेषकर टेकऑफ और शुरुआती चढ़ाई जैसे क्रिटिकल फेज में यह गलती हो सकती है।
क्रिटिकल अलर्ट के एक घंटे बाद उड़ान भरने की इजाजत
पायलट ने सुबह 11.17 बजे यह अलर्ट दिया था और 12.40 बजे विमान को उड़ान की मंजूरी दे दी गई। यानी महज एक घंटे में गड़बड़ी दूर करने का दावा करके विमान को उड़ान के लिए क्लियर कर दिया गया। इसी विमान ने दोपहर 1.38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए टेकऑफ किया और महज 30 सेकंड बाद दोनों इंजन बंद होने से यह एयरपोर्ट के पास बने मेडिकल होस्टल बिल्जिंग पर कै्रश हो गया। हादसे में विमान में सवार 241 लोगों समेत कुल 260 लोग मारे गए थे। विमान में केवल एक यात्री जिंदा बचा था। हादसे की शुरुआती रिपोर्ट को लेकर सरकार ने कहा है कि इस पर स्टडी की जा रही है। इस पर अभी कोई निष्कर्ष न निकाला जाए।