देश में महंगाई को लेकर एक बहुत अच्छी खबर सामने आई है। जून 2025 में भारत में थोक महंगाई पिछले 20 महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर सालाना आधार पर सिर्फ 0.13% रही. यह अक्टूबर 2023 के बाद सबसे कम दर है। मई में यह 0.39% थी, यानी महंगाई का ग्राफ तेजी से नीचे आया है। सोमवार को जारी इन आंकड़ों से साफ हो गया है कि खाने-पीने की चीजों और ईंधन के दाम घटने से महंगाई पर लगाम लगी है। अर्थशास्त्रियों ने जून में महंगाई 0.52% तक बढ़ने का अनुमान लगाया था, लेकिन यह उससे भी कम रही, जो एक बेहद सकारात्मक संकेत है।
रसोई का बजट हुआ हल्का
खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी ने थोक महंगाई को नीचे लाने में बड़ी भूमिका निभाई है. जून में रसोई का सामान सस्ता होने से आम आदमी को बड़ी राहत मिली है:
सब्जियां: सब्जियों की महंगाई दर 22.65% रही, जो मई के 21.62% से थोड़ी कम थी।
प्याज: प्याज की महंगाई 33.49% रही, जबकि मई में यह 14.41% थी।
आलू: आलू के दाम में 32.67% की बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जबकि मई में यह 29.42% कम थी।
दालें: दालों के दाम 22.65% कम हुए, जो मई में 10.41% कम थे।
अनाज: अनाज की महंगाई भी 3.75% रही, जो मई में 2.56% थी।
ईंधन और बिजली के दाम भी गिरे
ईंधन और बिजली के दामों में कमी ने भी महंगाई को नियंत्रित रखने में मदद की है। जून में इस सेगमेंट की महंगाई 2.65% रही, जो मई में 22.27% थी. इसका मतलब है कि ईंधन और बिजली की कीमतों में काफी कमी आई है। वहीं, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स, जो WPI बास्केट का 60% से ज़्यादा हिस्सा हैं, उनकी महंगाई दर 1.97% रही. प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई जून में 3.38% घटी, जबकि मई में यह 2.02% कम थी।
रिटेल महंगाई भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर
थोक महंगाई के साथ-साथ, रिटेल महंगाई भी मई 2025 में छह साल के सबसे निचले स्तर 2.82% पर आ गई है। अप्रैल की तुलना में इसमें 34 बेसिस पॉइंट की कमी आई है। यह फरवरी 2019 के बाद सबसे कम रिटेल महंगाई दर है, जिसमें सस्ते खाने-पीने की चीजों का बड़ा योगदान रहा।
RBI का महंगाई अनुमान
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने अप्रैल की बैठक में बताया था कि खाने-पीने की चीजों के दाम नरम होने से महंगाई में कमी आ रही है। RBI ने वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई का अनुमान 4.2% से घटाकर 4% कर दिया है। तिमाही अनुमान के मुताबिक, पहली तिमाही में महंगाई 3.6%, दूसरी में 3.9%, तीसरी में 3.8% और आखिरी तिमाही में 4.4% रहने की उम्मीद है। RBI का मानना है कि महंगाई के जोखिम अभी संतुलित हैं।
आम आदमी के लिए बड़ी राहत
सस्ती सब्जियां, दालें और ईंधन आम आदमी के लिए वाकई राहत की खबर हैं। मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स और ईंधन की कीमतों में कमी से कई सेक्टर्स की उत्पादन लागत घट सकती है। जानकारों का कहना है कि अगर महंगाई का यह रुझान जारी रहा तो उपभोक्ताओं को और राहत मिल सकती है। हालांकि, लंबे समय तक नकारात्मक महंगाई अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का सबब भी बन सकती है।