भारत और दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के बीच दशकों बाद तनाव की स्थिति पैदा हुआ है। इसके पीछे का कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति और दबाव बनाने की रणनीति बताई जा रही है। अब यह बात अमेरिकी संसद के भीतर भी गूंजने लगी है।
दिखाई मोदी-पुतिन की सेल्फी
अमेरिकी कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण सुनवाई के दौरान डेमोक्रेट सांसद सिडनी कैमलेगर-डोव ने पीएण मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक साथ कार में ली गई सेल्फी को चर्चा का केंद्र बना दिया। सांसद ने इस तस्वीर का एक बड़ा पोस्टर सांसद के कमरे में दिखाया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक फोटो नहीं, बल्कि एक 'चेतावनी' है। उनका आरोप था कि अमेरिका की वर्तमान दबाव वाली टैरिफ नीति भारत को उसके रणनीतिक सहयोगी रूस के और करीब ले जा रही है।
अमेरिका रिश्तों को नुकसान पहुंचा रहा है
डेमोक्रेट सांसद ने अमेरिकी प्रशासन की रणनीति की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वाशिंगटन ने हाल के महीनों में जो कदम उठाए हैं, वे दोनों देशों के बीच “रणनीतिक भरोसे पर गहरी चोट कर रहे हैं।” उन्होंने साफ कहा कि "यह अमेरिका है, भारत नहीं, जो रिश्तों को नुकसान पहुंचा रहा है।" उनका कहना था कि यह तस्वीर हजारों शब्दों के बराबर है और यह दिखाती है कि भारत और रूस के बीच व्यक्तिगत और राजनीतिक गर्मजोशी कितनी मजबूत है।
नोबेल पुरस्कार को लेकर ट्रंप पर कसा तंज
सिडनी कैमलेगर-डोव ने राष्ट्रपति ट्रंप पर तंज कसते हुए चेतावनी दी- "आप नोबेल शांति पुरस्कार नहीं जीत सकते अगर आप अपने रणनीतिक पार्टनर को विरोधी देशों की तरफ धकेल दें।" सांसद ने अन्य सांसदों से 'जागने' का आग्रह करते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति है और अमेरिका के लिए एक बेहद अहम साझेदार है। अगर इन रिश्तों पर चोट पहुंची, तो उसका नुकसान अमेरिका को लंबे समय तक भुगतना पड़ेगा।
क्या थी वो वायरल तस्वीर?
यह तस्वीर तब ली गई थी, जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन अपने पहले भारत दौरे पर दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरे थे। एयरपोर्ट से पुतिन सीधे पीएम मोदी के साथ कार में सवार होकर निजी डिनर के लिए लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पहुंचे थे। पुतिन ने बाद में एक इंटरव्यू में बताया था कि कार में साथ जाना उनका ही सुझाव था, जो उनके निजी और गर्मजोशी भरे रिश्ते का प्रतीक है। अमेरिकी सांसद की यह टिप्पणी मोदी और पुतिन के उस रणनीतिक रूप से अहम दौरे की राजनीतिक गूंज को और बढ़ाती है।