पंजाब में बाढ़ की स्थिति अब भी काफी गंभीर बनी हुई है। हालांकि फिलहाल राज्य में बारिश नहीं हो रही है और आने वाले दिनों में भी बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन पिछले दिनों हुई भारी वर्षा और बाढ़ का असर अभी भी साफ़ दिखाई दे रहा है। पिछले 24 घंटे में मानसा, मोगा और पटियाला जिलों में 3 और लोगों की मौत हुई, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 51 हो गई है।
किसानों के लिए राहत योजना
राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। मंत्रिमंडल ने 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का फैसला किया है। इसके अलावा 'जिसदा खेत, उसकी रेत' योजना भी मंजूर की गई है। इस योजना के तहत किसान बाढ़ के बाद खेतों में जमा रेत को निकालकर बेच सकेंगे, जिससे नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी। अब तक 15 जिलों में 3.87 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। लगभग 1.84 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
बांधों के जलस्तर में कमी
अधिकारियों के अनुसार, ब्यास नदी पर बने पोंग बांध का जलस्तर घटकर 1,390.74 फुट रह गया है, जबकि एक दिन पहले यह 1,392.20 फुट था। वहीं, भाखड़ा बांध का जलस्तर भी 1,677.2 फुट तक आ गया है। जलस्तर घटने और प्रशासन की लगातार निगरानी से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत की उम्मीद बढ़ी है।
नुकसान का आकलन जारी
राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि फसलों के अलावा घरों और पशुधन का नुकसान भी हुआ है, जिसका आकलन जारी है। पानी पूरी तरह उतरने के बाद ही सही स्थिति सामने आएगी। वहीं, पठानकोट जिले में अभी भी तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बाढ़ का असर केवल कृषि तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डालेगा।