अगर आपने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है तो 15 सितंबर इसकी आखिरी तारीख है। इस तारीख के बाद रिटर्न फाइल करने पर आपको भारी लेट फीस देनी पड़ सकती है। यहां तक की अगर इस बारे गलत जानकारी दी तो 7 साल की जेल भी हो सकती है। इनकम टैक्स रिटर्न भरना हर टैक्सपेयर की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है जिसमें उन्हें अपनी वास्तविक आय की सही जानकारी देनी होती है।
अंडर-रिपोर्टिंग और मिस-रिपोर्टिंग क्या है?
कई लोग अनजाने में या जानबूझकर अपनी कमाई को कम बताते हैं या गलत जानकारी देते हैं जिससे उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
अंडर-रिपोर्टिंग: जब कोई व्यक्ति अपनी असली कमाई से कम आय दिखाता है और टैक्स योग्य हिस्से को छिपाता है।
मिस-रिपोर्टिंग: जब कोई व्यक्ति अपनी आय के प्रकार, स्रोत या स्तर के बारे में गलत या झूठी जानकारी देता है जैसे फर्जी इनवॉइस बनाना या गलत छूट का दावा करना।
गलत जानकारी देने पर क्या हो सकती है कार्रवाई?
अगर आप अपनी इनकम की सही जानकारी नहीं देते हैं तो आपको गंभीर वित्तीय और कानूनी जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। आयकर अधिनियम के तहत इस पर कई तरह की कार्रवाई की जाती है:
भारी पेनल्टी: सेक्शन 270A के तहत अगर आप अपनी आय को कम रिपोर्ट करते हैं तो बकाया टैक्स का 50% पेनल्टी के रूप में वसूला जाएगा। अगर आपने जानबूझकर झूठी जानकारी दी है तो यह पेनल्टी बढ़कर 200% तक हो सकती है।
ब्याज का बोझ: पेनल्टी के अलावा देर से टैक्स भरने या कम भुगतान करने पर सेक्शन 234A, 234B, और 234C के तहत ब्याज भी लगाया जाता है।
नोटिस और जांच: अगर टैक्स विभाग को आपके बैंक खाते, AIS या फॉर्म 26AS से मिली जानकारी में कोई गड़बड़ी मिलती है तो वे आपको नोटिस भेज सकते हैं और आपसे जवाब या दस्तावेज मांग सकते हैं।
हो सकती है जेल: टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार टैक्स चोरी के इरादे से आय को कम या गलत रिपोर्ट करना एक गंभीर अपराध है जिसके लिए मुकदमा, भारी जुर्माना या यहां तक कि जेल भी हो सकती है।